विशेष : आसमान से टपका कोविड 19? अंतरिक्ष जीव वैज्ञानिक ने किया दावा 11 अक्टूबर की रात चीन के आसमान में हुआ था एस्टिरोइड का विस्फोट

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रमेश चंद्रा ,नैनीताल ( nainilive.com )- कोविड 19 की तलाश को लेकर वैज्ञानिक जमीन ही नही आसमान की खाक छानने में लगे हुए हैं । अंतरीक्ष जीव वैज्ञानिक इस दिशा में लगातार खोजबीन में जुटे हुए हैं। उनका मानना है कि 11 अक्टूबर की रात चायना के आसमान में आंखे चौधिया देने वाले विस्फोट हुआ था। इसी विस्फोट से कोरोना वायरस धरती पर आया । श्रीलंकाई मूल के बकिंघम विश्वविद्यालय यूके के वैज्ञानिक प्रो चन्द्र विक्रमासिंघे , जो की बकिंघम सेंटर फॉर एस्ट्रो बॉयोलॉजि में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं, ने शोध कर दावा किया है कि चीन में एस्टिरोइड धमाके में यह जानलेवा वायरस धरती पर पहुँचा । बता दें की 11अक्टूबर की रात 12.20 बजे एक एस्टिरोइड चीन के आसमान में गिरा था, जो आसमान में ही जलकर खाक हो गया था। भयंकर विस्फ़ोट में दिन जैसा तीब्र उजाला हुआ था। इस घटना के एक माह बाद कोरोना वायरस ने चीनियों को अपने गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया । जिसे लेकर प्रो सिंघे ने शोध किया है। उनका का यह शोध पैनस्पर्मिया की थ्योरी पर आधारित है। यह थ्योरी बताती है कि धरती पर पानी व अमोनिया आदि पदार्थ एस्टिरोइड या कॉमेट के जरिये ही आये हैं। चीन के आसमान में एस्टिरोइड ही इस वायरस को धरती पर लाया होगा। इस संदर्भ में आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वैज्ञानिक डॉ शशिभूषण पांडे का कहना है कि कोविड 19 के एस्टिरोइड विस्फोट के जरिये धरती पर आने से इनकार नही किया जा सकता। पैंस्पर्मिया थ्योरी को नकारा नही जा सकता। इस विषय में अधिक शोध किये जाने की जरूरत है।

एस्टिरोइड प्रतीकात्मक फोटो साभार : google

लेखक रमेश चंद्रा ,नैनीताल, वरिष्ठ पत्रकार हैं , और साथ ही विज्ञान एवं एस्ट्रोफिजिक्स एवं स्पेस साइंस के फील्ड में लेखन में इनका अच्छा दखल है. इनके एस्ट्रोफिजिक्स के क्षेत्र में लिखे कई लेख नामी समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं.

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