विशेष : यादों का शहर बन गया ये शहर अबकी बार
कभी लौटेगी रौनके इस शहर की , कब छटेगा कुहासा इन हसीन वादियों का।
त्रिऋषि सरोवर, छोटी बिलायत, मिनी स्विट्ज़रलैंड, सरोवर नगरी और नैनीताल,,,
जिस जगह के नाम बेशुमार हो उसकी हस्ती का सहज अंदाज़ा लगाया जा सकता है। इसके बावजूद ये सुंदर हिल स्टेशन इन दिनों विरान है। बताने की जरूरत नही कारण सबको मालूम है।
न्यूज़ डेस्क , नैनीताल ( nainilive.com )- जून का आंखिरी सप्ताह मतलब पीक सीजन के दिन। रौनक ही रौनक हर गली में, बाजार में, सड़कों में और हर घर में। इन दिनों जो भी यंहा हसीन यादों को झोली में भरकर ले गया। मगर अफसोस, सपनों का ये शहर अबकी बार उमंगों के सैलाब को कोरी कल्पना बनाकर चला गया। उन यादों को नही सीमेट पाया , जो सुंदर अतीत बन जाती थी। फिर दुबारा इस शहर से मिलने की जिद्द करती थी।
कल्पना से परे है इस पर्वतीय शहर की विरानगी। जून का अंतिम दिन कल है। नजरें ढूंढती हैं उन बहारों को, जो हर जून में मिला करती थी। अपनो से गले मिलकर अपनापन का एहसास दिलाती थी। झील का हर किनारा अपना लगता था। ठंडी हवा हृदय को अंदर तक स्पर्श करती थी। शीत सड़क गर्माहट महसूस कराती थी।
मालरोड का सफर उमंगो को जगाता था तो ऊंचे पर्वतों की सैर अलग रोमांस पैदा करती थी । कैपिटल सिनेमा का आंगन जून की हर शाम को संगीत के सुरों से सजाता था। मां नयना देवी के दर्शन हर मुराद पूरी करती थी तो बाज़ारों की रंगत बिना कुछ खरीदे ही अनमोल तोहफा दे जाती थी। लेकिन इस बार ये शहर वीरानगी दे गया, और इस शहर से प्रेम करने वालों की आंखों को नम ही तो कर गया। ये शहर इस बार यादों का शहर बन गया।
फोटो साभार : संदीप कुमार , नैनीताल
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