डॉक्टर वाई पी एस पांगती की पुण्यतिथि पर आयोजित हुई व्याख्यानमाला , दी गई श्रद्धांजलि

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नैनीताल ( nainilive.com )- डॉक्टर वाई पी एस पांगती की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी गई। 7 जुलाई 1944 में पैदा हुए प्रो पांगती 28 अगस्त 2018 को दुनिया से चले गए । डॉक्टर वाई पी एस पांगती रिसर्च फाउंडेशन ने आज डॉक्टर पांगती को पुण्य तिथि पर याद किया उनके चित्र पर पुष्प चढ़ाए । तथा ऑनलाइन माध्यम से डॉक्टर धनंजय मोहन पीसीसीएफ एवं हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स उत्तराखंड तथा श्री गंगा सिंह रौतेला सलाहकार विज्ञान म्यूजियम तथा पूर्व डीजी एन सी एस एम भारत सरकार ने व्याख्यान दिए ।

डॉक्टर धनंजय मोहन ने चैलेंजेस इन फॉरेस्ट मैनेजमेंट इन उत्तराखंड विषय तथा श्री रौतेला ने पर्सपेक्टिव इन साइंस कम्युनिकेशन विषय पर व्याख्यान दिया । डॉक्टर धनंजय ने कहा कि उत्तराखंड में 6 नेशनल पार्क ,7 वाइल्ड लाइफ सेंचुरीज ,4 कंजर्वेशन रिजर्व ,10 बायोस्फीयर रिजर्व ,2 टाइगर रिजर्व ,2 वर्ल्ड हेरिटेज साइट तथा 1 रामसर साइट है । उत्तराखंड में 536 बर्डस ,45 फॉरेस्ट टाइप्स है ह्यूमन वाइल्ड लाइफ कॉन्फ्लिक्ट ,फॉरेस्ट फायर ,इकोनॉमिक्स , इको टूरिज्म नए समस्याएं बढ़ाई है । टिहरी मिडल का जिक्र करते हुए डॉ मोहन ने कहा कि हमें प्रीवेंटिव मैसर्स ,फायर को पहले से पहचानने ,समय से जबाव ,नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग ,तथा कम्युनिटी पार्टिसिपेशन से सतत विकास में चलना होगा बंदरों का स्टेरलाइजेशन तेजी से चलाया है तथा 1.10 लाख बन्दर अभी है । लेपर्ड के साथ रहने की आदत डालनी होगी ताकि हमें सेफ रहे तथा जंगल का को बचाए हमारा उद्देश्य होना चाहिए । हमें हर्बल मिशन के साथ जंगल का काम ,औषधीय पौधों खेती ,तथा इनकम जनरेटिंग एक्टिविटी की तरफ चलना होगा । डॉक्टर धनंजय ने प्रो पांगती को नमन किया ।

अपने व्याख्यान में श्री रौतेला ने कहा कि हरित क्रांति विजयन की दैन है । आज विजयन की बताता है कि कौन सा खाना महत्पूर्ण है । आज 77 प्रतिशत भारतीय एवं 86 प्रतिशत अमेरिकी मानते है कि विजयन नए ही उन्हें स्वस्थ बनाया है । विज्ञान विश्वास एवं सामाजिकता का प्रतीक है । हर समाज को विज्ञान की स्वीकार्यता करनी होगी । डॉक्टर धनंजय मोहन एवं श्री रौतेला को डॉक्टर वाई पी एस पांगती फाउंडेशन की तरफ से सर्टिफिकेट ऑफ हॉनर तथा शॉल उड़ाकर सम्मानित किया ।

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अध्यक्ष डॉक्टर बीएस कालाकोटी ने सभी का स्वागत किया एवं फाउंडेशन के क्रिया कलाप से अवगत कराया तथा महासचिव प्रो ललित तिवारी नए संचालन करते हुए बताया कि प्रॉफ पांगती मुनस्यारी में पैदा हुए कुमाऊं के पूर्ण एनजीओ स्पर्म , जिम नो स्पर्म ,टेरिडोफाइट से अवगत थे तथा पौधों के वर्गीकरण शास्त्री थे उनके पीएचडी के 40 विद्यार्थी रहे जिन्होंने प्रदेश की सेवा की है ।सरल व्यक्ति प्रॉफ पांगती एक बेहतर शिक्षक भी रहे उन्होंने एक दर्शन से ज्यादा पुस्तके भी लिखी । कार्य क्रम को प्रॉफ पांगती को श्रद्धांजलि दी गई तथा उनके पर्यावरण के क्षेत्र के कार्यों को प्रस्तुत किया गया ।

कार्यक्रम में प्रो गोपाल सिंह रावत पूर्व निदेशक डबलू आई आई तथा डॉक्टर एस एस सामंत ने भी विचार रखे। निदेशक डॉक्टर सुनील नौटियाल ने भी विचार रखे । प्रो नीलू ने फाउंडेशन के तरफ से सभी का धन्यवाद किया । कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के 146 विद्वानों ने शिरकत की । पूर्व निदेशक प्रो सीडी सूंठ, प्रो अनिल जोशी ,सौरव जोशी ,,डॉक्टर भावना ,डॉक्टर मीना ,डॉक्टर सुषमा , डॉक्टर गजेंद्र रावत ,डॉक्टर संतोष उपाध्याय ,डॉक्टर सी एम नौटियाल, डॉक्टर के पुरोहित ,डॉक्टर प्रदीप चंद्र पंत ,डॉक्टर जी सी एस नेगी आरिफ गीता ,डॉक्टर पैनी जोशी,डॉक्टर रजनीश अग्निहोत्री ,, प्रो आशीष रावत, , डॉक्टर रेणु रावल ,, डॉ मम पांडे , डॉक्टर नवीन जोशी , डॉक्टर सन ओझा , डॉक्टर नवीन पांडे ,ऋतु बिष्ट , वसुंधरा , दिशा डॉक्टर नंदन मेहरा ,दीक्षा बोरा ,पंकज पाठक ,आनंद कुमार , गरिमा ,आभा , डॉक्टर मनीषा बेलवाल ,किशोर कुमार , पंकज ,सुमति ,अंजना , आदि उपस्थित रहे

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