कई औषधीय गुणों से भरपूर किलमोड़ा पक कर हो चुका है तैयार
हिमानी बोहरा, नैनीताल ( nainilive.com)- उत्तराखंड के बंजर जमीनों में मई-जून महीने के दौरान पकनें वाला खट्टा मीठा जंगली फल किलमोड़ा, पक कर तैयार हो चुका है। और लॉक डाउन के चलते पहाड़ो में लौट चुके प्रवासी इसका भरपूर आनंद भी ले रहे है।
आमतौर पर जंगल में घास काटने गई महिलाएं, गाय, बकरी चुगाने गए ग्वाले, स्कूल से घर आते-जाते बच्चो के लिए ये किसी से अमृत से कम नही होता है। क्योंकि ये पानी की कमी भी पूरी करता है। साथ ही कुछ हद तक भूख मिटाने में भी मददगार साबित होता है। लेकिन इस बार अप्रैल महीने में हुई अत्यधिक बारिश व ओलावृष्टि के चलते, काफी कम मात्रा में ही लोगो को खाने के लिए मिल रहा है।
लेकिन बीते कुछ सालों में पहाड़ों से धीरे-धीरे पलायन कर चुके लोगों के चलते, किलमोड़े का महत्व समाप्त होते जा रहा था। लेकिन इस बार करोना महामारी संक्रमण के चलते पहाड़ों से पलायन कर चुके प्रवासी, धीरे धीरे पहाड़ों की ओर वापस रुख कर चुके हैं। जिसके चलते बीते कई वर्षों बाद फिर से औषधीय गुणों से भरपूर किलमोड़े खाने का मौका मिल चुका है। और वे लोग इसका भरपूर आनंद ले रहे हैं।
किलमोड़े के औषधीय फायदे:
किलमोड़ा का पूरा पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है। इसकी जड़, तना, पत्ती, फूल और फलों से विभिन्न बीमारियों में उपयोग आने वाली दवाएं बनाई जाती हैं। मुख्य रूप से इस पौधे में एंटी डायबिटिक, एंटी ट्यूमर, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल तत्व पाए जाते हैं। मधुमेह के इलाज में इसका सबसे अधिक उपयोग होता है।
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