viral video : करने चले थे भलाई , लेकिन डीएम साहेब को मांगनी पड़ गयी माफ़ी
न्यूज़ डेस्क , नैनीताल ( nainilive.com ) – यह वायरल वीडियो त्रिपुरा के वेस्ट अगरतला क्षेत्र के डीएम डॉ शैलेश कुमार यादव का है , जो आज दोपहर से सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में डीएम साहेब ने वेस्ट त्रिपुरा में जारी नाईट कर्फ्यू के दौरान भी 2 मैरिज हालों में शादी चालु होने को लेकर उनको सील कर दिया। हालांकि डीएम साहेब का इरादा तो नेक था , लेकिन जिस नेक इरादे के साथ वह कार्यवाही करने निकले , उसने उनके वीडियो को वायरल कर दिया।
इस वीडियो में डीएम डॉ शैलेश कुमार यादव ने वेस्ट अगरतला में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए नाईट कर्फ्यू लगाया था, लेकिन फिर भी कई बैंक्वेट हॉल में विवाह कार्यक्रम चल रहे थे। इसी सूचना के आधार पर जब डीएम ने छापा मारा तो वहां खबर में सत्यता पाई गयी। इसी बात को लेकर उनका पारा चढ़ गया , और उन्होंने सरकारी कार्य में बाधा डालने के जुर्म में 30 लोगों को गिरफ्तार कर दिया , जिनको बाद में छोड़ दिया गया। वहीँ दो बैंक्वेट हॉल को 1 वर्ष के लिए बंद करने के आदेश दे दिए। वहीँ डीएम साहेब का पारा इस कदर गर्म था की उन्होंने महामारी एक्ट के अंतर्गत वहां उपस्थित सभी मेहमानों एवं वर वधु को भी अरेस्ट करने के आर्डर दे दिए। इसके साथ ही डीएम ने स्थानीय पुलिस पर भी सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार से ईस्ट अगरतला पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिस अधिकारी को भी निलंबित करने की मांग की। हालांकि वीडियो में दिख रहा है की डीएम साहेब से विवाह में उपस्थित मेहमानों ने अनुमति पात्र होने की बात कही जिसे डीएम साहेब ने फाड़ दिया। वहीँ जब कुछ लोगों ने उनसे बात करने की कोशिश की , तो उनका गुस्सा इस कदर हावी था , की उन्होंने न सिर्फ पंडित , दूल्हे और कुछ मेहमानों को धक्के देकर और दुर्व्यवहार के साथ धकेला , बल्कि महिलाओं से भी बात सही से नहीं करते दिखे। हालांकि बाद में एक मीडियाकर्मी के सवाल पर उन्होंने अपनी नेक नियति को सही ठहराते हुए पूरी घटना को कोरोना की भयावहता को देखते हुए बचाव करने की कोशिश की और कहा की जब शिक्षित लोग ही इस तरह का व्यवहार करेंगे तो फिर आगे क्या होगा।
इन सब के बीच इस मुद्दे ने त्रिपुरा में जोर पकड़ लिया है। सत्ताधारी दल भाजपा सहित विपक्षी पार्टी सीपीआई एम् ने इस घटना की पुरजोर निंदा की हैं। मुख्यमंत्री विप्लब कुमार देव ने मुख्या सचिव मनोज कुमार को तुरंत घटना की जांच करते हुए विस्तृत जांच रिपोर्ट तुरंत देने को कहा है। नेता प्रतिपक्ष और सीपीआई एम् नेता माणिक सरकार ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा की इस कार्यवाही की कोई जरुरत नहीं थी। वेस्ट त्रिपुरा से सांसद प्रतिमा भौमिक ने घटना की निंदा करते हुए कहा की इस तरह की कार्यवाही की कोई जरुरत नहीं थी। उन्होंने कहा की वह वधु पक्ष के परिवार से मिलकर घटना की जानकारी लेंगी। उन्होंने कहा की प्रशासन का कार्य कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकना है , लेकिन इस तरह की घटना और कार्यवाही की जरुरत नहीं थी।
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वहीँ सत्ताधारी दल भाजपा के विधायक सुदीप रॉय बर्मन , आशीष कुमार साहा , सुशांता चौधरी ने मुख्य सचिव मनोज कुमार को पत्र लिखकर उनको हटाने की मांग की है। हालांकि इन सब के बीच अब डीएम साहेब को अपने किये पर अफ़सोस भी हो रहा है और उन्होंने अपने किये पर माफ़ी भी मांग ली है। उन्होंने मीडिया के सामने कहा की मेरा मकसद किसी की भावनाओं को आहत करना या किसी को ठेश पहुंचाना नहीं था , बल्कि जिले में तेजी से फ़ैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकना था। बहरहाल जो भी हो, डीएम साहेब का जो भी मकसद हो , लेकिन मीडिया में यह वीडियो खूब वायरल हो गया है।
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