पर्यटक जागे तभी हम बचा पायेंगे जैव विविधता
न्यूज़ डेस्क , रामनगर ( nainilive.com )- तेज़ी से बढ़ता जगंल सफ़ारी व जगंल पर्यटन आज उन्हीं वनों व क्षेत्रीय जैव विविधता के लिये गंभीर ख़तरा बन गया है। पर्यटक अपने साथ प्लास्टिक कचरे को वही छोड़ जाते है जिससे पर्यावरण के साथ वन सम्पदा, वन्य जीवों के साथ स्थानीय निवासियों पर भी असर आ चुका है जिसका परिणाम साल दर साल आता जायेगा । देश के इन्हीं वन अभयारण्यों मैं से हिमालय की तलहटी मैं बाघ व हाथियों के लिये प्रसिद्ध जिम कार्बेट की जलीय पारिस्थितिकी व जैव विविधता से मानव वन्य जीव संघर्ष बढ़ता जायेगा । सरकारे नीति तो बनाती है पर धरातल पर उन्हीं नीतियों को लागु नही करा पाती ना स्थानीय समुदायों के हक़ हकूक पर कुछ समाधान हो पाता । आज जरुरत है इसी संवेदनशील विषय को समझने की । सरकार का विषय जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन के लिए वन-आधारित समाधानों को प्रदर्शित करने और स्थायी विकास को अधिक व्यापक रूप से समर्पित करने के लिए समर्पित होना चाहिये । हमैं वनों की कटाई को कम करने, स्वस्थ जंगलों को बनाए रखने और सभी के लिए जलवायु-लचीला भविष्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध होना होगा ।
हिमालय दिवस के उपलक्ष्य ७ सितम्बर से मैं स्वच्छ भारत मिशन ( ग्रामीण ) को समर्थित ग्रामीण जन जागरुकता अभियान “प्लास्टिक मुक्त हिमालय” R5 की शुरुवात सामाजिक दूरी के नियमों का अनुपालन के साथ नैनीताल जिले के कोटाबाग ब्लाक के पांडे गॉव व ऑवलाकोट से इको डवेलपमैटं कमेटी के अध्यक्ष पर्यावरणविद मनोहर सिह मनराल के द्वारा हुई । पर्यावरणविद किशन भट्ट, समाजसेवी संदीप मनराल विकासखडं कोटाबाग के समस्त किसानों को प्रशिक्षण देंगे । समाजसेवी जी डी पलड़िया जी, गिरीश चंद्र प्रधान पांडे गांव, चम्पा छिमवाल क्षेत्र पंचायत सदस्य, रमेश राम ग्राम प्रधान आवलाकोट, भुवन पलड़िया, रमेश छिमवाल, तारा बल्लभ,रघुबीर, प्रभा पांडे और समस्त महिला मंगल समूह ने इस सामाजिक जन सहभागिता पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम मै प्रतिभाग लिया ।
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जगह-जगह फैले कूड़े के ढेर, जिनमें अधिकतर प्लास्टिक वेस्ट यानी रंग-बिरंगे पॉलीथिन बैग, टूटी-फूटी प्लास्टिक की बोतलें आदि दिखाई देती हैं, जो नॉन-बायोडिग्रेडेबल वस्तुएँ हैं, आज ये समस्या इतनी बढ़ गई है कि ये हमारे पर्यावरण के लिये बड़ा खतरा बन गई है। इस प्लास्टिक के सदुपयोग के लिए *स्वच्छ भारत अभियान ( ग्रामीण ) * को समर्थित परस्पर सामुदायिक जन सहभागिता के साथ नौला फाउंडेशन के एक महाअभियान R5- 2030′ पर जिम कार्बेट लेडंसकेप से शुरु करने वाले जल जगंल ज़मीन के संरक्षक प्रसिद्ध पर्यावरणविद श्री मनोहर सिंह मनराल ने बताया कि धरती को #unplastic अब नहीं किया जा सकता, प्लास्टिक हमारे चारों ओर है परन्तु R5 मतलब अंग्रेजी के अक्षर ‘R’ को 5 बार प्रयोग में लाया है यानी Reduce, Recycle, Reuse, Recover and Residuals Management, यदि इन पाँच ‘आर’ पर कड़ाई से अमल किया जाये तो काफी हद तक प्लास्टिक के कूड़े का प्रबन्धन किया जा सकता है। जिम काबैट लेडंसकेप में अपनी नौला मित्रो की इको वारियर टीम के साथ श्री मनोहर मनराल ने लोगो को अपने प्लास्टिक अलग जमा करने का अनुरोध किया है और उन्हें 5R -2030 के बारे में विस्तार से बताया जायेगा । समस्त लोगो से इस महा अभियान से जुड़ने की अपील हैं ।
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