रूसी संसद में प्रस्ताव पास: 2036 तक राष्ट्रपति रहेंगे व्लादिमीर पुतिन
मास्को ( nainilive.com)- रूस के निचले सदन ड्यूमा ने एक ऐसे प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है, जिससे पुतिन का कार्यकाल दो और टर्म के लिए बढ़ सकता है. यानी वह 2036 तक देश के राष्ट्रपति बने रह सकते हैं. 383 सदस्यी ड्यूमा ने प्रस्ताव के समर्थन में 340 सांसदों ने वोट किया किया जबकि 43 गैरहाजिर रहे. प्रस्ताव के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा.
इन संशोधनों को अब ऊपरी सदन फेडरेशन काउंसिल में पारित होना है और फिर 22 अप्रैल को लोग इस के लिए मतदान करेंगे. पुतिन ने जनवरी में इन सुधारों का प्रस्ताव रखा था. वहीं वह लगातार इस बात से इनकार कर रहे हैं कि इसका उनके सत्ता में बने रहने से कोई लेना-देना है.
राष्ट्रपति के रूप में पुतिन के चौथे और अंतिम कार्यकाल का अंत 2024 में हो रहा है. वहीं मंगलवार को एक और संशोधन पेश किया गया, जो कि राष्ट्रपति के कार्यकाल के समय में फेरबदल करता है. संवैधानिक अदालत के इसकी अनुमति देने के बाद पुतिन एक बार फिर चुनाव लड़ पाएंगे.
रूसी खुफिया एजेंसी के पूर्व जासूस रहे 67 वर्षीय पुतिन पिछले 20 साल से सत्ता में हैं. नए प्रस्ताव के मंजूरी के बाद वह स्टालिन को भी पीछे छोड़ सकते हैं. पुतिन ने पहले दो बार चार साल राष्ट्रपति रहने के बाद संवैधानिक मजबूरी के कारण 2008 में प्रधानमंत्री बन गए थे. उस दौरान पुतिन के करीबी सहयोगी दिमेत्री मेदवेदेव राष्ट्रपति रहे थे. मेदवदेव ने अपने कार्यकाल में राष्ट्रपति का कार्यकाल बढ़ाकर 4 की जगह 6 साल कर दिया था.
2012 में पुतिन फिर से रूस के राष्ट्रपति बने और 2018 में उन्हें दोबारा 6 साल के लिए इस पद के लिए चुना गया था. अगर पुतिन फिर से दो टर्म राष्ट्रपति बन जाते हैं तो वह 36 साल तक रूस पर शासन करने वाले नेता हो जाएंगे और स्टालिन को पीछे छोड़ देंगे.
स्टालिन ने 29 साल तक सोवियत रूस पर शासन किया था. स्टालिन के दौर में रूस में बड़े बदलाव हुए थे. रूस बड़ा औद्योगिक देश और सुपर पावर बना था. हालांकि स्टालिन पर लाखों रूसी लोगों को मारने का आरोप भी लगा. एक गरीब परिवार में पैदा हुए स्टालिन ने देश में कई बदलाव भी किए.
पुतिन ने अपने कार्यकाल के दौरान कई अंतरराष्ट्रीय प्रेशर को झेलकर रूस को पूरी दुनिया में मजबूती के साथ पेश किया. पुतिन ने विदेशी तनाव का इस्तेमाल खुद को रूस में मजबूत करने के लिए किया. माना जा रहा है कि मौजूदा प्रस्ताव का पारित होना महज औपचारिकता है.
अगर ड्यूमा के प्रस्ताव पर ऊपरी सदन और फिर रूस की जनता की मुहर लग जाती है तो पुतिन 83 साल की उम्र तक देश के राष्ट्रपति रह सकते हैं. 2024 में पुतिन का बतौर राष्ट्रपति चौथा कार्यकाल खत्म होगा. ऐसे में प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद पुतिन दो और कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकते हैं. नए प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद पुतिन का कार्यकाल जीरो (0) माना जाएगा.
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