कोरोना की आशंका के चलते – उत्तराखंड के 891 कैदी जा सकेंगे घर

Share this! (ख़बर साझा करें)

नैनीताल ( nainilive.com)- उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद सात साल या उससे कम सजा पाने वाले कैदियों को पैरोल पर घर भेजने की कार्रवाई शुरू हो गई है।
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी राज्यों को एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे। जो ऐसे कैदियों को चिन्हित कर पेरोल या अंतरिम ज़मानत पर घर भेजेंगे। ताकि कैदियों में कोरोना के संक्रमण का खतरा न हो।
उत्तराखंड उच्च न्यायलय के न्यायमूर्ति सुंधाशु धूलिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। गुरुवार को कमेटी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये सभी जिलों से सजायाफ्ता और विचारधीन कैदियों का ब्यौरा मांगा।
राज्य में ऐसे कुल 891 कैदी हैं जिनकी सजा सात साल से कम है या जो छोटे अपराधों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। इनमें 264 सजायाफ्ता कैदी और 627 विचाराधीन कैदी हैं। उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव और जिला जज डॉ जीके शर्मा के मुताबिक इन कैदियों को अपराध और व्यवहार के आधार पर फिलहाल पैरोल या अंतरिम जमानत दिया जा सकता है।
हालांकि इनमें से 36 कैदियों की सेहत इस समय अच्छी नहीं है। इसलिए उनके स्वस्थ्य होने के बाद ही पैरोल या जमानत देने की बात कही गई है।
पैरोल या अंतरिम ज़मानत के लिए ऑन लाइन प्रक्रिया और सुनवाई की जाएगी। ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके।

Ad
नैनी लाइव (Naini Live) के साथ सोशल मीडिया में जुड़ कर नवीन ताज़ा समाचारों को प्राप्त करें। समाचार प्राप्त करने के लिए हमसे जुड़ें -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page