खुदरा महंगाई दर गिरावट के साथ 4.25 फीसदी पर, आम लोगों को राहत
नई दिल्ली ( nainilive.com )- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा महंगाई दर में फिर गिरावट आई है। यह अब 4.25 फीसदी पर पहुंच गई है, यानी महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी के लिए ये राहत भरी खबर है। मई महीने में खुदरा महंगाई दर घटकर 4.25 फीसदी पर जा पहुंची है जो कि अप्रैल महीने में 4.70 फीसदी थी। यह लगातार चौथा महीना है जब खुदरा महंगाई दर में गिरावट आई है।
मई में घटकर दो साल के निचले स्तर
जी हां, मई में खुदरा महंगाई दर सालाना आधार पर घटकर 25 महीने के निचले स्तर 4.25 फीसदी पर आ गई है, जो अप्रैल में 4.70 फीसदी पर रही थी। पिछले साल मई 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसदी रही थी।
खुदरा महंगाई दर में गिरावट का क्या कारण ?
सांख्यिकी और प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया कि खाने-पीने की चीजों के दाम में गिरावट के कारण महंगाई में गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक मई में सीपीआई पर आधारित खुदरा महंगाई दर घटकर 4.25 फीसदी रही है। ये लगातार चौथा महीना है, जब खुदरा महंगाई दर में गिरावट आई है।
मई में 2.9 फीसदी रही खुदरा महंगाई दर
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई में घटकर 2.9 फीसदी रही, जो अप्रैल में 3.84 फीसदी रही थी। खाद्य उत्पादों की सीपीआई इंडेक्स में हिस्सेदारी करीब आधी होती है। इसके साथ ही ईंधन एवं ऊर्जा क्षेत्र की महंगाई भी घटकर 4.64 फीसदी पर आ गई है, जबकि अप्रैल में यह 5.52 फीसदी रही थी।
RBI के संतोषजनक स्तर पर खुदरा मंहगाई दर
इस दौरान ग्रामीण महंगाई भी 4.68 फीसदी से घटकर 4.17 फीसदी हो गई है। शहरी क्षेत्रों में महंगाई दर मई महीने में घटकर 4.27 फीसदी हो गई, जो अप्रैल महीने के 4.85 फीसदी रही थी। गौरतलब है कि यह लगातार तीसरा महीना है, जब खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के संतोषजनक स्तर पर है।
रेपो दर के साथ क्या संबंध ?
• आरबीआई ने 8 जून को रेपो दर में बिना बदलाव किए इसे 6.5% पर रखा। केंद्रीय बैंक ने अप्रैल से 6.5% पर अपनी रेपो दर वृद्धि चक्र को रोक दिया था। इससे पहले, आरबीआई ने मुद्रास्फीति को रोकने के लिए मई 2022 से रेपो दर में संचयी रूप से 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी।
• वर्तमान में, विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई इस वित्त वर्ष के शेष समय के लिए दर में कोई बदलाव नहीं करेगा, जबकि कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि परीक्षण करने के लिए इसमें मामूली कमी की जा सकती है।
• रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक (भारत के लिए आरबीआई) वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है। यह एक अर्थव्यवस्था में ऋण के प्रवाह को नियंत्रित करने और इस प्रकार मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने का एक उपकरण है।
• रेपो दर को कम करने से आदर्श रूप से अर्थव्यवस्था में उत्पादन और मांग में वृद्धि होगी और विकास को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
Source : PBNS
नैनी लाइव (Naini Live) के साथ सोशल मीडिया में जुड़ कर नवीन ताज़ा समाचारों को प्राप्त करें। समाचार प्राप्त करने के लिए हमसे जुड़ें -
Naini Live is a news portal which provides news across Uttarakhand and Madhya Pradesh. We do provide advertisement services as well.