शिप्रा नदी और गधेरे पर स्थिति स्पष्ट करे पालिका – गणेश गयाल
-पालिका समेत सिंचाई विभाग से जवाब मिलने के पश्चात ली जाएगी मा० न्यायालय की शरण।
-पालिका के अधिशासी अधिकारी को दिया पत्र व पालिका समेत सिंचाई विभाग से आरटीआई में नदी के मानकों को लेकर किये सवाल।
न्यूज़ डेस्क , भवाली(nainilive.com ):- पर्यावरण प्रेमी गणेश गयाल ने पालिका के अधिशासी अधिकारी को पत्र देकर भवाली शहर की एकमात्र स्वघोषित शिप्रा नदी और गधेरे (नाला) पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। गणेश गयाल ने बताया कि राजस्व अभिलेख कहलक्वीरा बन्दोबस्ती मानचित्र में उक्त स्वघोषित नदी को नाला(गधेरा) दर्शाया गया है और ग्राम नगारीगाँव की (NZA) एनजेडए खतौनी में भी उक्त जगह जलमग्न (नाला) में दर्ज है। जिसको पालिका व राजस्व अधिकारियों द्वारा मा० उच्च न्यायालय में वाद संख्या 1922/2018 व अन्य में दिये गये शपथ पत्र के साथ दी गई संयुक्त निरीक्षण आख्या रिपोर्ट में मा० न्यायालय को बताया है जब उक्त जगह जिसे पालिका द्वारा शिप्रा नदी कहा जाता है वह स्थल जब राजस्व अभिलेखों में जलमग्न ( नाला/गधेरा) में दर्ज है तो पालिका इसे शिप्रा नदी किस आधार पर मान रही है।
उन्होंने पालिका पर मा० उच्च न्यायालय को गुमराह करने का आरोप लगाया । उनका कहना है कि पालिका द्वारा मा० उच्च न्यायालय में शपथ-पत्र प्रस्तुत करते समय इसे शिप्रा नदी कहा जा रहा है अन्य कागजी कार्रवाई में भी पालिका इसे शिप्रा नदी कहती है लेकिन बात जब अतिक्रमण हटाने की आती है तो पालिका द्वारा इसे गधेरा कहा जाता है। पर्यावरण प्रेमी गणेश गयाल ने यह भी बताया कि मा० उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा जनहित याचिका 11/2016 पर दिनांक बारह जुलाई 2018 को दिये गये आदेश में भी गधेरे से अतिक्रमण हटाने को कहा है जिसके बाद पालिका द्वारा भवाली शहर में गधेरे शब्द अंकित किये गये नोटिस अतिक्रमण हटाने को लेकर लोगों को दिये गये लेकिन पालिका जब मा० न्यायालय में शपथ- पत्र प्रस्तुत कर रही है या अन्य कागजी कार्रवाई में इसे शिप्रा नदी कहा जा रहा है।
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गणेश गयाल ने यह भी बताया कि उन्होंने सिंचाई विभाग व पालिका से आरटीआई में नदी के मानकों को लेकर भी सवाल किये हैं। जिससे यह स्पष्ट हो सके कि वाकई में उक्त स्थल नदी के मानकों पर सही बैठती है या नहीं उनका कहना है कि पालिका और सिंचाई विभाग से जवाब मिलने के पश्चात मा० उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर मा० न्यायालय की शरण ली जाएगी जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके कि उक्त स्थल शिप्रा नदी है या गधेरा। उन्होंने पालिका की इस दोतरफा वाली बात से मा० न्यायालय को भी अवगत कराया है।
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