दुःखद एवं शर्मानक : आखरी समय में अपनों ने बनाया बेगाना , लावारिस होकर हुई भास्कर दत्त की मृत्यु , मदद को सामने आये समाजसेवी हेमंत गौनिया
न्यूज़ डेस्क , हल्द्वानी ( nainilive.com )- समाज किस और जा रहा है , यह वास्तव में एक चिंतनीय विषय है। रिश्ते और वह भी खून के , कब बेगाने बन जाएँ कोई नहीं कह सकता। लेकिन सामाजिक तानेबाने को तोड़ती घटनाएं सामाजिक रिश्तों की डोर के टूटने को भी साफ़ दर्शा रहीं है। अपने माँ बाप को लावारिस हालत में छोड़ देना और संपर्क के बावजूद भी मदद के लिए सामने नहीं आना आज के बदलते समाज और सामाजिक रिश्तों की टूटती दास्ताँ को बयान कर रहा है। आज हल्द्वानी में हुई ऐसी ही एक घटना यह सोचने पर मजबूर कर देगी की जिन बच्चों को माँ बाप पाल पास कर बड़ा करते हैं , वह कैसे उस बंधन को मात्र लोभ और लालच के तोड़ देते है।
यह घटना हल्द्वानी की है जहाँ आज भी एक ऐसा व्यक्ति ज़िंदा है जो अपना ना हो कर भी अपनों से ज्यादा इस तरह से लाचार , लावारिस और मजबूर लोगों की मदद कर रहा है। यह स्टोरी उन्ही समाज सेवी और धरती पर भगवान स्वरुप हेमंत गौनिया की पोस्ट से आपके सामने प्रस्तुत है। समाज सेवी हेमंत गोनिया ने अपनी पोस्ट के माध्यम से बताया की – नहीं रहे लावारिस भास्कर दत्त। आज दिनांक 15 9 2022 को सुबह 7:00 बजे भास्कर दत्त जिन्हें सोवन सिंह जीना चिकित्सालय हल्द्वानी में भर्ती कराया गया था उनकी आज मृत्यु हो चुकी है। उनकी दो बेटियां हैं पुत्र नहीं। वह लावारिस हालत में हल्द्वानी बेस हॉस्पिटल पर पड़े हुए थे। उन्हें हेमंत गोनिया द्वारा प्रेम रतन आश्रम लामाचौर पर भी रखा गया परन्तु उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें पुनः अस्पताल पर भर्ती कराया गया था। उनकी पुत्रियों से भी संपर्क किया गया जमाई से भी लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की और ना ही यहां पर आए। हेमंत गोनिया द्वारा उन्हें अस्पताल में उनकी समस्त सेवा की, उनके लिए सांस लेने वाली मशीन कपड़े नगद राशि लोगों से सहयोग के तौर पर कराई और उन्हें हर रोज जाकर देखते थे। लेकिन आज हेमंत गोनिया के प्रयास भी धरे रह गए और लाचार भास्कर दत्त इस संसार से विदा लेकर चले गए।
भास्कर दत्त पूर्व में मैग्नेटाइट फैक्ट्री पर कार्य करते थे फैक्ट्री बंद होने के बाद वह बेरोजगार हो गए और दर-दर की ठोकरें खाने लगे आज इनके मृत्यु होने पर इनकी पुत्री को भी हेमंत गोनिया द्वारा फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया और स्विच ऑफ कर दिया। जीते जी अपनों ने छोड़ा मरने के बाद भी दाह संस्कार के लिए नहीं आ रहे हैं और ना ही पंचनामा भरने आ रहे हैं। अब भास्कर दत्त को पोस्टमार्टम के लिए सुशीला तिवारी अस्पताल पर शिनाख्त के लिए 3 दिन तक रखा जाएगा। उसके बाद हेमंत गोनिया और उनकी टीम इस का दाह संस्कार करेगी हिंदू रीति रिवाज से क्योंकि हेमंत गोनिया ही इनके परिजन थे क्योंकि अस्पताल और आश्रम पर हेमंत गोनिया का नाम ही परिजन के तौर पर लिखा गया था।
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