पूर्व विधायक डॉ नारायण सिंह जन्तवाल ने प्रताप भय्या जी की पुण्यतिथि पर अर्पित किये श्रद्धासुमन

नैनीताल में 118 वें नंदा देवी महोत्सव का हुआ श्री गणेश

नैनीताल में 118 वें नंदा देवी महोत्सव का हुआ श्री गणेश

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न्यूज़ डेस्क , नैनीताल ( nainilive.com )- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की राजनीति में अपना विशिष्ट स्थान रखते हुए सामाजिक , शिक्षा के क्षेत्र में स्व. प्रताप भय्या जी ने कई आयाम खड़े किये। आज उनकी पुण्य तिथि पर नैनीताल के पूर्व विधायक डॉ नारायण सिंह जंतवाल ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए विचार व्यक्त किये, जिन्हे हम शब्दश प्रस्तुत कर रहे हैं :

प्रताप भय्या जी को पुण्यतिथि 23 अगस्त 2०2० पर सादर नमन!
जो एकबार भी उन्हें मिला जीवन भर नहीं भूल पाया, एसी शख्सियत थे प्रताप भय्या!वे विविध सामाजिक पहलुओं पर निरन्तर कार्यरत रहे यथा शिक्षा समाज निर्माण समाजवादी लोकतंत्र के वास्तविक स्वरूप को धरातल पर उतारना!


एक गतिशील उत्तर दायित्व पूर्ण समाज बने इस हेतु उनका स्पष्ट दर्शन रहा शिक्षा मानव निर्माण का माध्यम बने,” योजना बनाओ एसी कि गुलशन चमन का महक उठे” यानि योजना समाज की आवश्यकता अनुरूप बने ताकि सामाजिक खुशहाली व भाईचारा बना रहे! वे अधिवक्ता रहे, “to redress the grievances of the people” अधिवक्ता का ध्येय होना चाहिए , सामाजिक जीवन में ‘polite but firm”की भावना से आगे बढ़कर ही देश ब्यवस्थित हो सकेगा, लोकतांत्रिक समाजवाद मानवीय मूल्यों से सृजित हो एसी उनकी मान्यता रही!

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वे जन्म जात नेता थे अपने गाँव में व स्कूली शिक्षा के समय से ही उनमें नेतृत्व के लक्षण दिखाई पढने लगे थे! लखनऊ विश्विद्यालय में उनकी नेतृत्व क्षमता निखर कर सामने आयी! आचार्य नरेन्द्र देव जी के सम्पर्क में आने पर वे उन्हें संस्कार पिता के रूप में मानने लगे ताउम्र उनके बिचारो व मूल्यों को आत्मसात कर धरातल में उतारते रहे!


सबसे कम उम्र के विधायक (1957) व युवा काबीना मंत्री (1967) के रूप में उनकी गतिशीलता ने उन्हें प्रदेश व देश में एक मजबूत समाजवादी नेता की छवि प्रदान की!
आचार्य नरेन्द्र देव शिक्षानिधि, शोध संस्थान, राष्ट्रीय लोकमंच लोकसदन पर्वतीय विकास विचार गोष्ठी दिल दिमाग हाथ खेत खलिहान प्रदर्शनी, अखिल भारतीय विधि विचार गोष्ठी, युसुफ मेहर अली केन्द्र सहित अन्य संस्थाओं के द्वारा लोक शिक्षण के माध्यम से भय्या जी समाज को सकारात्मक दिशा देने व सरकारों को जनमुखी नीतियां अख्तियार करने के लिए प्रेरित करते रहे!

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समाज के विभिन्न हिस्सों यथा सरकार के प्रतिनिधि ,अधिकारी, विश्वविद्यालयों के शिक्षक, अधिवक्ता, विषय विशेषज्ञ इत्यादि व सामान्यजन के बीच में स्वस्थ्य विचार विमर्श का मंच प्रदान किया!
भय्या जी स्वंय में एक संस्था थे! ये उनका जीवट कार्य करने की अदम्य इच्छा शक्ति व समर्पण ही था कि तमाम कठिनाइयों के बीच भी संस्थाओं को खड़ा कर सके! एसी भी चर्चा होती है कि राजनीति में तेजी से आगे बढते उनके कदमों को रोकने के लिए विधानसभा क्षेत्र में उनके ब्यापक प्रभाव वाले क्षेत्र को अलग कर दिया गया!

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हम लोग अपने को सौभाग्यशाली मानते हैं कि भय्या जी के साथ निकट से कार्य करने व उनका स्नेह प्राप्त करने का अवसर मिला! आज जब सार्थक बहस मुबाहिस बहुत मुश्किल हो गयी है! अपने विचारों से भिन्न विचारों तर्कसंगत बातों को सुनने का धैर्य कमजोर पड़ रहा है! . . ऐसे माहौल में भय्या जी की व उनकी कार्य शैली की प्रासंगिकता बहुत बढ़ गयी है, उनकी कमी सभी को बहुत खलती है
.. आइये प्रताप भय्या जी की पुण्यतिथि पर उनके कार्यों, मूल्यों व विचारों से प्रेरित होकर आगे बढें यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी!
. . जै हिन्द!

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