पाकिस्तान में ऐतिहासिक हिंदू मंदिर साधु बेला बाढ़ में डूबा

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लाहौर (nainilive.com) –  पाकिस्तान में बीते कई दिनों से बाढ़ का तांडव देखा जा रहा है. पाकिस्तान में इस साल मॉनसून के दौरान रिकॉर्ड बारिश होने के बाद सिंध प्रांत में स्थित मंचर झील भर गयी है. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण एक तिहाई पाकिस्तान पानी में डूबा हुआ है और जून के मध्य से अभी तक 1,300 से ज्यादा लोगों की बाढ़ के कारण मौत हो चुकी है. इस बाढ़ में ऐतिहासिक हिंदू मंदिर साधु बेला भी डूब गया है. मूल रूप से मेनक पर्वत के रूप में जाना जाने वाला साधु बेला मंदिर उन ऐतिहासिक स्थानों में से एक है, जिनसे एक कहानी जुड़ी हुई है.

इतिहास के अनुसार हम जानते हैं कि स्वामी ब्रखंडी महाराज नाम के एक किशोर ने आध्यात्मिक मार्गदर्शन की तलाश में 1823 में अपने गृह शहर दिल्ली को छोड़ दिया. आध्यात्मिकता की अपनी खोज में उन्होंने सिंध को चुना जो वह ढूंढ रहे थे. उन्होंने सुक्कुर की ओर अपनी यात्रा की और एक अलग द्वीप पर रहने का फैसला किया. वहां उन्होंने अपनी पूजा करने के लिए कई मंदिरों का निर्माण किया और इस तरह साधु बेला के मंदिर की स्थापना की गई थी.

साधु बेलो, सुक्कुर, सिंध, पाकिस्तान के पास सिंधु नदी में एक द्वीप है. ये द्वीप अपने हिंदू मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. मंदिर समकालिक उदासी आंदोलन से जुड़े हुए हैं. यह द्वीप तीर्थ स्थान के लिए प्रसिद्ध है जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है. पाकिस्तान में आयी अभूतपूर्व बाढ़ के कारण प्रशासन को देश में ताजा पानी की सबसे बड़ी झील को ओवरफ्लो होने से बचाने के लिए मंगलवार को जद्दोजहद करना पड़ा.

झील के जलस्तर को कम करने का प्रशासन का सारा प्रयास विफल रहा है और इस कारण आसपास रहने वाले 1,00,000 लोगों को अब तक विस्थापित होना पड़ा है. पाकिस्तान में इस साल मानसून के दौरान रिकॉर्ड बारिश होने के बाद सिंध प्रांत में स्थित मंचर झील भर गयी है. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण एक तिहाई पाकिस्तान पानी में डूबा हुआ है और जून के मध्य से अभी तक 1,300 से ज्यादा लोगों की बाढ़ के कारण मौत हो चुकी है.

अधिकारियों ने रविवार को झील से पानी छोड़ने का प्रयास भी किया था. उनके प्रयासों के बावजूद सोमवार को भी झील में जलस्तर बहुत ऊंचा रहा. मंगलवार को फिर से जलस्तर को कम करने का प्रयास किया गया. झील का तटबंध अभी तक चार बार टूट चुका है और निचले इलाके में बसे लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 1,00,000 से ज्यादा लोगों को वहां से सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है.

इसबीच, मंगलवार को देश में बाढ़ के कारण और 11 लोगों की मौत होने के साथ इस आपदा में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़ कर 1,325 हो गयी है. देश में सबसे ज्यादा 522 लोगों की मौत सिंध प्रांत में हुई है। वहीं, खैबर पख्तूनख्वा में 289, बलुचिस्तान में 260, पंजाब में 189, पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में 42, गिल्गिट-बाल्टिस्तान में 22 और इस्लामाबाद में एक व्यक्ति की मौत हुई है. बाढ़ में अभी तक कम से कम 12,703 लोग घायल हुए हैं। वहीं देश में 5,735 किलोमीटर सड़कें खराब हो गई हैं. प्रशासन लगातार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने और बाढ़ प्रभावितों को राहत पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। सेना के कम से कम 363 हेलीकॉप्टर देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ राहत कार्यों में जुटे हुए हैं.

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