गृह मंत्रालय ने मजदूरों के आने-जाने पर लगाया प्रतिबंध, कहा- राज्य सरकारें स्किल के हिसाब से दे उन्हें रोजगार

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नई दिल्ली ( nainilive.com)- कोरोना महामारी की वजह से गृह मंत्रालय ने मजदूरों के एक राज्य से दूसरे राज्य में आने-जाने को प्रतिबंधित किया है. गृह मंत्रालय ने एक गाइडलाइन जारी करके सभी राज्यों को इस बारे में सूचित कर दिया है. मंत्रालय ने इसके साथ ही राज्यों से कहा है कि जो जहां हैं वहीं रहें और उस राज्य की सरकार स्किल के हिसाब से उन्हें काम दें. लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों आना-जाना प्रतिबंधित है.

बता दें कि कई राज्यों में गंभीर मोड़ लेती लाखों प्रवासी मजदूरों की समस्या को लेकर केंद्र सरकार के मंत्रियों ने शनिवार को एक बैठक की. शनिवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल समूह (जीओएम) की उच्चस्तरीय बैठक हुई. बैठक के बाद राजनाथ ने कहा, हमने लोगों को आ रही दिक्कतों को कम करने के तरीकों और उन्हें राहत देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों की भूमिका पर मंथन किया.

आज जो गृह मंत्रालय ने फैसले लिए हैं, कहा जा रहा है कि वह जीओएम की बैठक के बाद ही यह फैसला लिया गया है. बैठक के बाद सरकार को जो दिशानिर्देश दिए गए उसमें स्वरोजगार और अन्य किस्म के मजदूरों के परिवहन को लेकर स्पष्टता की बात कही गई थी.

केंद्र की मुख्य चिंता यह है कि बिना यात्री परिवहन की इजाजत दिए 20 अप्रैल से खुल रहे बंदरगाहों, कार्गो ऑपरेशन, सड़क निर्माण कार्य और खदानों के लिए मजदूर कैसे मुहैया कराए जा सकेंगे. 20 अप्रैल के बाद कारपेंटर, प्लम्बर जैसे स्वरोजगार वाले लोगों को दिक्कत न हो इस बात का भी नये दिशानिर्देश में ध्यान रखा जाना है. प्रवासी मजदूरों की जानकारी मांगी केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने सभी राज्यों से उनके यहां फंसे प्रवासी मजदूरों की जानकारी भेजने को कहा है. ताकि अगर वह मजदूर घर लौटना चाहते हों तो नये दिशानिर्देशों में उसकी व्यवस्था को शामिल किया जा सके, लेकिन केंद्र सरकार ने साफ किया कि मजदूर अभी राज्यों की सीमा पार नहीं कर सकते हैं.

बता दें कि राजस्थान, केरल, तमिलनाडु सहित अनेक राज्य में मजदूरों के वेतन संबंधी समस्या के निपटारे के लिए श्रम मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में 20 कंट्रोल रुम स्थापित किए हैं. मजदूरों की एक ही मांग कंट्रोल रुम पर अधिकांश कॉल्स में प्रवासी मजदूरों ने घर लौटने की ही इच्छा जताई है. अपने घर-परिवार को लौटने की उनकी इच्छा दिनोंदिन मजबूत होती जा रही है. वह काम पर लौटना नहीं चाहते और बैचेन हो रहे हैं. वह चाहते हैं कि 3 मई के बाद तो उनके घर लौटने का इंतजाम कर ही दिया जाए.

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