विधायक कालाढूंगी बंशीधर भगत की मध्यस्तथा से कोषागार सेवा के कर्मियों एवं पेंशनरों की वेतन वसूली का प्रकरण सुलझने की बनी आशा

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न्यूज़ डेस्क , नैनीताल ( nainilive.com )- विधायक कालाढूंगी नैनीताल श्री बंशीधर भगत की मध्यस्तथा से कोषागार सेवा के कर्मियों एवं पेंशनरों की वेतन वसूली का प्रकरण सुलझने की आशा है। कोषागार सेवा से सेवानिवृृत श्री सुधीर पाण्डे ने बताया कि पेंशनरों की ओर से मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव को इस प्रकरण में विधायक के माध्यम से दिनांक 17 जनवरी, 2023 को शासन द्वारा अपने ही पूर्व आदेश को पूर्वगामी तिथि से निरस्त करने के कारण कोषागार के कर्मचारियों/पेंशनरों से वसूली के आदेश को निरस्त करने के सम्बन्ध में पत्र प्रेषित किया गया था। कोषागार सेवा के पेंशनर द्वारा विधायक को पत्र उपलब्ध कराते हुये अनुरोध किया था कि उनके वेतन एवं पेंशन से जो वसूली जनवरी माह से प्रस्तावित है उसको निरस्त किया जाये। हल्द्वानी में विधायक बंशीधर भगत को ज्ञापन देने वालों में श्री सुधीर पाण्डे, श्री देवीदत्त जोशी , श्री सतीश चन्द्र पाण्डेय, श्री प्रेम राम आर्या आदि पेंशनर उपस्थित रहें।


विधायक द्वारा स्वंय कोषागार के पेंशनरों के साथ देहरादून में मुख्यमंत्री धामी से वार्ता कर वस्तु स्थिति से अवगत कराया जिस पर मुख्यमंत्री द्वारा अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्धन से फोन पर वार्ता कर तत्काल कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। तत्पश्चात विधायक बंशीधर भगत ने स्वंय पेंशनरों के साथ अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्धनसे वार्ता कर शीघ्र आवष्यक कार्यवाही करने को कहा। विधायक बंशीधर भगत के नेतृृत्व/मध्यस्थता में श्री पी0सी0सैनी, श्री राजीव गुप्ता, श्री जमीर अहमद तथा राजेन्द्र पुण्डीर वार्ता हेतु उपस्थित थे। इस सहहृृदयता के लिए कोशागार कर्मियों/पेंषनरों ने मुख्यमंत्री एवं विधायक श्री बंशीधर भगत का आभार व्यक्त किया।

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आखिर क्या है मामला ?

प्रदेश के विभिन्न कोषागारों में पिछले साल गलत तरीके से धनराशि अंतरित करने का मामला सामने आया था। कोषागार निदेशालय में कार्यरत सहायक लेखाकारों द्वारा विभिन्न कोषागारों में गलत तरीके से धनराशि अंतरित करने का मामला सामने आने के बाद सरकार भी स्तब्ध रह गई थी। सरकार की सख्ती के बाद इस प्रकरण पर तेजी से कार्रवाई की गई। इस वित्तीय पदोन्नति का त्रुटिपूर्ण निर्धारण करने से सरकार को 20 से 30 करोड़ का नुकसान हुआ था।  मामला संज्ञान में आने के बाद शासन कोषागार संवर्ग के सहायक लेखा कारों और लेखा कारों से वसूली के आदेश दिए थे जिसके बाद सेवारत कार्मिकों की वेतन और सेवा निर्मित कार्मिकों की पेंशन से वसूली होनी थी।  

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