प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 7 साल में उठाए अनेक कदम : PM मोदी

देश को हर क्षेत्र में बनाना होगा आत्मनिर्भर , बढ़ें पूरे आत्मविश्वास के साथ - प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी

देश को हर क्षेत्र में बनाना होगा आत्मनिर्भर , बढ़ें पूरे आत्मविश्वास के साथ - प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी

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नई दिल्ली ( nainilive.com )- पीएम मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत वित्तीय लाभ की 10वीं किस्त जारी की। इसके साथ ही 10 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि का हस्तांतरण हुआ।

351 FPO को 14 करोड़ रुपए से अधिक का इक्विटी अनुदान किया जारी

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने लगभग 351 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को 14 करोड़ रुपए से अधिक का इक्विटी अनुदान भी जारी किया। इससे एक लाख, 24 हजार से अधिक किसानों को लाभ होगा।

पीएम मोदी ने एफपीओ के लाभार्थियों से की बातचीत

कार्यक्रम की शुरुआत में पीएम मोदी ने एफपीओ के लाभार्थियों से बातचीत भी की। इस दौरान उन्होंने जानना चाहा कि एफपीओ अपने लिए जैव उर्वरक की उपलब्धता कैसे सुनिश्चित करते है। प्रधानमंत्री ने पराली प्रबंधन की जानकारी भी अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने का आह्वान किया।

पीएम मोदी ने नेचुरल फार्मिंग पर उत्तराखंड के लाभार्थी किसान जसबीर सिंह से बातचीत करते हुए उनके प्राकृतिक खेती के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले 7 साल में हमारी कोशिश रही है कि हम प्राकृतिक खेती और ऑर्गेनिक खेती को कैसे बढ़ावा दे सकें। इसके लिए कई तरह की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसके कई फायदे हैं जैसे किसान की लागत कम होती है और आय बढ़ती है। वहीं मिट्टी को रासायनिक खाद और पेस्टिसाइड से मुक्ति मिलती है। आप अपने अनुभवों को ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाईए।

प्रधानमंत्री ने पंजाब के प्रगतिशील किसान रविंदर सिंह से जाना कि कैसे उन्होंने पराली को लेकर जागरूकता फैलाई। प्रधानमंत्री ने किसानों को प्रेरित कर पराली जलाने से रोकने के एफपीओ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह किसान और पर्यावरण दोनों के लिये लाभदायक है। पराली के वैकल्पिक उपयोग से पर्यावरण को लाभ होता है साथ ही किसान आर्थिक रूप से सशक्त होता है।

पात्र लाभार्थी किसान परिवारों को 6 हजार रुपए का वित्तीय लाभ प्रति वर्ष प्रदान

पीएम-किसान योजना के तहत, पात्र लाभार्थी किसान परिवारों को छह हजार रुपए का वित्तीय लाभ प्रति वर्ष प्रदान किया जाता है, जो चार-महीने के अंतराल पर दो हजार रुपये की तीन समान किस्तों में देय है। धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में अंतरित की जाती है। इस योजना में, किसान परिवारों को अब तक 1.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सम्मान राशि अंतरित की जा चुकी है। निधि अंतरण कार्यक्रम के दौरान राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, त्रिपुरा, कर्नाटक, उत्तराखंड, गुजरात और पंजाब सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री भी मौजूद रहे।

‘खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 7 साल में उठाए अनेक कदम’

कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्राकृतिक खेती को एक सशक्त माध्यम बताते हुए कहा कि सरकार ने पिछले सात साल से इस दिशा में अनेक कदम उठाए हैं। पीएम मोदी ने माता वैष्णो देवी परिसर में हुए दुखद हादसे पर किया शोक व्यक्त

इस संबंध में पीएम मोदी ने कहा ‘मैं माता वैष्णो देवी परिसर में हुए दुखद हादसे पर शोक व्यक्त करता हूं। जिन लोगों ने भगदड़ में, अपनों को खोया है, जो लोग घायल हुए हैं, मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं।

आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर प्रशासन के लगातार संपर्क में है। मेरी लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा जी से भी बात हुई है। राहत के काम का, घायलों के उपचार का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

‘इस साल हम अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करेंगे’

पीएम मोदी ने कहा, आज जब हम नव वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, तब बीते साल के अपने प्रयासों से प्रेरणा लेकर हमें नए संकल्पों की तरफ बढ़ना है। इस साल हम अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करेंगे। ये समय देश के संकल्पों की एक नई जीवंत यात्रा शुरू करने का है, नए हौसले से आगे बढ़ने का है।

‘अर्थव्यवस्था की विकास दर 8% से भी ज्यादा’

कितने ही लोग देश के लिए अपना जीवन खपा रहे हैं, देश को बना रहे हैं। ये काम पहले भी करते थे, लेकिन इन्हें पहचान देने का काम अभी हुआ है। हर भारतीय की शक्ति आज सामूहिक रूप में परिवर्तित होकर देश के विकास को नई गति और नई ऊर्जा दे रही है। आज हमारी अर्थव्यवस्था की विकास दर 8% से भी ज्यादा है। भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश आया है। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। GST कलेक्शन में भी पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त हुए हैं। निर्यात और विशेषकर कृषि के मामले में भी हमने नए प्रतिमान स्थापित किए हैं।

2021 में भारत ने अपने सैनिक स्कूलों को बेटियों के लिए खोल दिया

2021 में भारत ने करीब-करीब 70 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन सिर्फ यू.पी.ए. से किया है। आज भारत में 50 हजार से ज्यादा स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं। इनमें से 10 हजार से ज्यादा स्टार्ट्सअप्स तो पिछले 6 महीने में बने हैं। 2021 में भारत ने अपने सैनिक स्कूलों को बेटियों के लिए खोल दिया। 2021 में भारत ने नेशनल डिफेंस एकेडमी के द्वार भी महिलाओं के लिए खोल दिए हैं। 2021 में भारत ने बेटियों की शादी की उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 साल यानि बेटों के बराबर करने का भी प्रयास शुरू किया।

2070 तक नेट जीरो कार्बन एमिशन का भी लक्ष्य दुनिया के सामने रखा

पीएम मोदी ने कहा, क्लाइमेट चेंज के खिलाफ विश्व का नेतृत्व करते हुए भारत ने 2070 तक नेट जीरो कार्बन एमिशन का भी लक्ष्य दुनिया के सामने रखा है। आज भारत हाइड्रोजन मिशन पर काम कर रहा है, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में लीड ले रहा है।

पीएम गति शक्ति दे रहा देश में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण की गति को धार

इसके अलावा उन्होंने कहा कि पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान देश में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण की गति को नई धार देने वाला है। मेक इन इंडिया को नए आयाम देते हुए देश ने चिप निर्माण, सेमीकंडक्टर जैसे नए सेक्टर के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं लागू की है।

‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ राष्ट्र के लिए निरंतर प्रयास, आज हर भारतीय का मनोभाव

पीएम मोदी ने कहा, ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ राष्ट्र के लिए निरंतर प्रयास, आज हर भारतीय का मनोभाव बन रहा है। और इसलिए ही, आज हमारे प्रयासों में एकजुटता है, हमारे संकल्पों में सिद्धि की अधीरता है। आज हमारी नीतियों में निरंतरता है, हमारे निर्णयों में दूरदर्शिता है।

किसान उत्पाद संगठनों की बड़ी भूमिका

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि देश के छोटे किसानों के बढ़ते हुए सामर्थ्य को संगठित रूप देने में हमारे किसान उत्पाद संगठनों- FPO’s की बड़ी भूमिका है। जो छोटा किसान पहले अलग-थलग रहता था, उसके पास अब FPO के रूप में पांच बड़ी शक्तियां हैं। पहली शक्ति है- बेहतर बार्गेनिंग, यानी मोल भाव की शक्ति।

FPOs से जो दूसरी शक्ति किसानों को मिली है, वो है- बड़े स्तर पर व्यापार की। एक FPO के रूप में किसान संगठित होकर काम करते हैं, लिहाजा उनके लिए संभावनाएं भी बड़ी होती हैं। तीसरी ताकत है- इनोवेशन की। एक साथ कई किसान मिलते हैं, तो उनके अनुभव भी साथ में जुड़ते हैं। जानकारी बढ़ती है। नए नए इनोवेशन्स के लिए रास्ता खुलता है। FPO में चौथी शक्ति है- रिस्क मैनेजमेंट की। एक साथ मिलकर आप चुनौतियों का बेहतर आकलन भी कर सकते हैं, उससे निपटने के रास्ते भी बना सकते हैं। और पांचवीं शक्ति है- बाजार के हिसाब से बदलने की क्षमता। हमारी धरती को बंजर होने के बचाने का एक बड़ा तरीका है- केमिकल मुक्त खेती। इसलिए बीते वर्ष में देश ने एक और दूरदर्शी प्रयास शुरू किया है। ये प्रयास है- नैचुरल फार्मिंग यानि प्राकृतिक खेती का।

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