प्रवासीयों को आर्थिक पुनर्वास व रोजगार देना ‘राज्य सरकार’ के लिए अब मुख्य चुनौती: पूरन बृजवासी
संतोष बोरा , नैनीताल/भीमताल ( nainilive.com )- राज्य सरकार कुमाऊं व गढ़वाल मण्डल में जिस पलायन को रोकने में असफल दिख रही थी, कोरोना संक्रमण महामारी के चलते लॉक डाउन के बाद आज खुद प्रवासी अपने घरों को लौट चुके हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी का कहना है कि हाल की राज्य पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार अब तक लॉक डाउन के चलते राज्य में लगभग 60 हजार प्रवासी देश-विदेश से अपने गाँवों को लौट चुके हैं, और यह बात भी सामने आ रही है कि लाॅक डाउन के खुलने के बाद और भी प्रवासी अपने घरों को लौटेंगे, हालांकि प्रदेश सरकार ने ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग को कोरोना संक्रमण के बाद रिवर्स माइग्रेशन के संबंध में रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे, जिस पर आयोग ने हाल में ही जो रिपोर्ट सरकार को सौंपी है, उसमें कहा गया है, कि राज्य के गाँवों में लौटे 59360 प्रवासियों में से 65 फीसद देश के विभिन्न राज्यों, 30 फीसद राज्य के शहरों और पाँच फीसद लोग विदेश से लौटे हैं। पलायन आयोग का कहना है कि अभी प्रवासीयों का गाँवों को लौटने का आकड़ा और बढ़ सकता है, अब ऎसे में इन लोगों को आर्थिक पुनर्वास, रोजगार और सुविधायें देना सरकार के लिये प्राथमिकता होगी। यह कहना उचित ही होगा कि कोरोना के कारण उत्तराखंड राज्य में रिवर्स माइग्रेशन हुआ।
उन्होंने कहा है कि इससे जिला स्तर पर जीडीपी पर भी अब काफी असर पड़ेगा, साथ ही पर्वतीय क्षेत्र में प्रति व्यक्ति आय में कमी आ सकती है l वजह यह है कि प्रवासी गांव में रह रहे परिवारों को जो पैसा भेजते थे, उसकी रफ्तार थम गयी है l समाज सेवी बृजवासी ने बताया कि उत्तराखंड में पर्यटन आर्थिकी का एक बड़ा स्रोत है और गर्मियों में सर्वाधिक पर्यटक देवभूमि का रुख करते हैं . प्रवासी लोगों के अपने गाँवों को लौटने से पर्यटन से होने वाली आय पर भी असर पड़ेगा l इस बात पर पलायन आयोग ने भी आर्थिकी सवारनें को प्रभावी कदम उठाने का सुझाव अपनी रिपोर्ट में सरकार को दिया है।
बृजवासी ने कहाँ दरअसल, उत्तराखंड राज्य में पलायन एक बड़ी समस्या है। मुख्यतः शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक तीव्र गति से पलायन हुआ है। उत्तराखंड को अलग राज्य बने 20 साल होने को है, लेकिन दोनों मण्डलों के पर्वतीय क्षेत्रों में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है . सरकार हर संभव प्रवासीयों को मदद देने की बात कह रही है किन्तु ये राज्य के लिए गौरव का विषय भी है कि प्रवासीयों के रूप में मिले कुशल हाथों की राज्य के विकास में भागीदारी सुनिश्चित की जायें . अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार प्रवासीयों को थामने के लिए क्या रणनीति अपनाती है। अगर राज्य सरकार पलायन आयोग की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए उसके दिये सुझावों पर कार्य करती है। और इन दिक्कतों को दूर करती है तो तभी राज्य के बेहतर भविष्य की उम्मीद की जा सकती है .
नैनी लाइव (Naini Live) के साथ सोशल मीडिया में जुड़ कर नवीन ताज़ा समाचारों को प्राप्त करें। समाचार प्राप्त करने के लिए हमसे जुड़ें -
Naini Live is a news portal which provides news across Uttarakhand and Madhya Pradesh. We do provide advertisement services as well.