कोयला घोटाला में चर्चित भाटिया ग्रुप की संपत्ति जब्त

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नागपुर. एसबीआई (मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़) भोपाल की टीम ने 1800 करोड़ रुपए का लोन नहीं चुकाने वाले भाटिया कोल समूह की इंदौर स्थित 29 संपत्तियों पर नोटिस चस्पा कर दिए. अब ग्रुप की कुल 70 संपत्तियों पर कुर्की की कार्रवाई होगी. यह ग्रुप उस वक्त चर्चा में आया था, जब इसने कोयला घोटाले के वक्त नेशनल एल्युमिनियम कम्पनी (नालको) के सीएमडी को रिश्वत में सोने की ईंटें दी थीं.

इसके बाद समूह पर सीबीआई और आयकर विभाग ने छापे मारे थे. महाराष्ट्र से नजदीकी नाता जानकारों ने बताया कि इस समूह का नागपुर और महाराष्ट्र से काफी नजदीकी नाता है. महाराष्ट्र सरकार के बिजली विभाग और कई प्राइवेट बिजली कम्पनियों से इस कम्पनी का सीधा संबंध है.

कई बड़े मंत्रियों और कुछ बड़े अधिकारियों के साथ भी इस ग्रुप की निकटता के कारण महाराष्ट्र में इसके संचालकों की तूती बोलती है. वर्धमाननगर में कम्पनी का एक कार्यालय भी है. कहा तो यह भी जा रहा है कि बैंक प्रबंधन इस ग्रुप का नागपुर में भी कोई प्रापर्टी है क्या, इसकी तलाश कर रहा है.

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सोमवार को जो कार्रवाई मध्यप्रदेश में की गई वह हाल के दिनों की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है. सिंगापुर-इंडोनेशिया तक फैला कारोबार समूह का कारोबार सिंगापुर, इंडोनेशिया और साउथ अफ्रीका तक फैला हुआ है.

गुरविंदसिंह भाटिया, सुरिंदरसिंह भाटिया, कुलवंतसिंह भाटिया, इंद्रजीत कौर भाटिया, अमनदीपसिंह भाटिया की इं‍दौर के पॉश इलाकों की करोड़ों की संपत्ति कुर्क की गई है. भाटिया कोक एण्ड एनर्जी लिमिटेड और उसके गारंटर को एसबीआई ने 12 जून 2018 को लोन की राशि वापस करने के लिए 21 करोड़ 30 लाख 75 हजार 373 रुपए की डिमांड भेजी थी.

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इसी फर्म को बैंक ने 30 अप्रैल 2018 को 99 करोड़ 99 लाख 84 हजार 481 रुपए का डिमांड नोटिस भेजा था. भाटिया कोल वॉशरीस लिमिटेड और उसके गारंटर को 7 अगस्त 2018 को 21 करोड़ 81 लाख 99 हजार 350 रुपए का मांग पत्र भेजा गया था.

भाटिया ग्लोबल ट्रेडिंग और गारंटर को 11 जनवरी 2019 को लोन राशि वापस करने के लिए 1120 करोड़ 64 लाख 59 हजार 427 रुपए का डिमांड नोटिस भेजा था. उसी तरह एशियन नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड कम्पनी को 31 जनवरी 2019 को 534 करोड़ 67 लाख 9 हजार 669 रुपए का लोन वापसी का मांग पत्र भेजा था.

घटिया कोल सप्लाई में CBI ने की थी छापेमारी महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में घटिया कोयला सप्लाई के मामले में सीबीआई ने वर्ष 2014 में समूह पर छापा मारा था. आयकर विभाग ने 70 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ी थी. समूह पर एनटीपीसी और एनएसपीसीएल के अफसरों के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप लग चुका है.

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दोनों कम्पनियों के लिए इंडोनेशिया का घटिया श्रेणी का नॉन कुकिंग कोयला खरीदा गया था. इससे केंद्र सरकार को 116 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. सिंगापुर स्थित भाटिया ग्रुप की कम्पनी ने ही इसकी आपूर्ति की थी.

वैसे महाराष्ट्र में कई बिजलीघरों में घटिया कोयला आपूर्ति का इनका रिकार्ड है, लेकिन सत्ता के गलियारों में ऊपर तक पहुंच होने के कारण इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती. भाटिया ग्रुप पर शिकंजा 1800 करोड़ का लोन नहीं चुकाया 29 प्रॉपर्टी एसबीआई ने कब्जे में ली 70 प्रॉपर्टी कुर्क होंगी

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