महाराष्ट्र बड़ा उलटफेर, शरद पवार ने कहा- सदन में फडणवीस बहुमत पेश नहीं कर पाएंगे

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मुंबई ( nainilive.com)- महाराष्ट्र में शनिवार सुबह भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर नजर आया और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. इस घटनाक्रम के बाद सूबे की राजनीति में भूचाल आ गया है क्योंकि यह सरकार एनसीपी के समर्थन से बनी है. मुंबई के वाईबी चव्हान सेंटर के बाहर एनसीपी समर्थक हंगामा किया और अजित पवार के विरोध में नारे लगाए. इधर, डिप्टी सीएम की शपथ लेने वाले अजित पवार ने कहा है कि मैं अभी कुछ नहीं कहना चाहता. मैं जल्द ही अपनी स्थिति साफ करूंगा.

इससे पहले वाईबी चव्हान सेंटर के बाहर शनिवार को एनसीपी और शिवसेना ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें कांग्रेस नजर नहीं आयी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि तीन दलों ने सरकार बनाने का फैसला लिया था. तीनों दलों के 156 विधायक साथ थे. शरद पवार ने कहा कि मुझे कुछ लोगों ने सुबह बताया कि हमें यहां लाया गया है, वे शायद राजभवन की बात कर रहे थे. मुझे आज सुबह साढ़े 6 बजे शपथ के बारे में जानकारी दी गयी. एनसीपी का जो भी प्रमाणिक कार्यकर्ता है, वह उनके (अजित पवार) के साथ नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारे पास नंबर हैं. हमारे पास 156 विधायकों का समर्थन है. अजित पवार का फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ, अनुशासन तोड़ने वाला है. एनसीपी का कोई भी कार्यकर्ता एनसीपी-भाजपा की सरकार के समर्थन में नहीं है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार अपने साथ कुछ एनसीपी विधायकों को भी लेकर पहुंचे जो शरद पवार के साथ होने की बात कह रहे हैं. शरद पवार ने कहा कि पार्टी विधायक दल के नेता के चयन के दौरान विधायकों के हस्ताक्षर लिये गये थे, मुझे शक है कि इस हस्ताक्षर वाली चिट्ठी को ही राजभवन में दिया गया होगा. सदन में फडणवीस बहुमत पेश नहीं कर पाएंगे, हम फिर से सरकार बनाने का प्रयास करेंगे. सरकार का नेतृत्व शिवसेना के पास हो ऐसा हमारा प्रयास होगा. बहुमत साबित होने तक हम साथ रहेंगे. उन्होंने कहा कि अजित पवार पर कार्रवाई के बारे में पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया जाएगा.

शरद पवार ने कहा कि सरकार हम बनाएंगे, नंबर हमारे पास है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने विधायकों को तोड़ने के सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोशिश करके देखें, महाराष्ट्र सोने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए सुबह-सुबह केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक बुलायी गयी थी, ऐसी जानकारी मिली है. संविधान के अनुसार काम होना चाहिए. इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने पहुंचे शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे को रिसीव करने खुद एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले पहुंची.

आपको बता दें कि शनिवार सुबह भाजपा ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली जिसकी जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलाई. वहीं अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. नरेंद्र मोदी ने इन दोनों को ट्विटर पर बधाई भी दी. गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजीत पवार को डेप्युटी सीएम बनने पर बधाई दी.

अजीत पवार ने महाराष्ट्र की पीठ में खंजर घोपा: संजय राउत

सूबे में राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने मीडिया को संबोधित किया और कहा कि सत्ता और धन का दुरुपयोग किया गया. अंधेरे में पाप होता है, चोरी होती…उन्होंने कहा कि अजीत पवार ने महाराष्ट्र की पीठ में खंजर घोपा, इससे शरद पवार का कोई संबंध नहीं है. यह धोखा महाराष्ट्र की जनता और छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ हुआ है.

पार्टी और परिवार टूट गये…

एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि हमने अटेंडेंस के लिए सभी विधायकों के हस्ताक्षर लिये थे, उसका गलत इस्तेमाल किया गया. इधर , एनसीपी नेता और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले का दर्द भी सामने आया है. उन्होंने अपने वॉट्सऐप स्टेटस में लिखा कि पार्टी और परिवार टूट गये… एनसीपी चीफ शरद पवार ने एनसीपी के सभी विधायकों की बैठक शाम साढ़े 4 बजे बुलाई है.

कांग्रेस हैरान

घटनाक्रम पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने ट्वीट करके कहा कि महाराष्ट्र के बारे में पढ़कर हैरान हूं. पहले लगा कि यह फर्जी खबर है. निजी तौर पर बोल रहा हूं कि तीनों पार्टियों की बातचीत 3 दिन से ज्यादा नहीं चलनी चाहिए थी. यह बहुत लंबी चली. मौका दिया गया तो फायदा उठाने वालों ने इसे तुरंत लपक लिया. कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा है कि महाराष्ट्र में पार्टी को कमजोर करने की साजिश हुई, कांग्रेस को शिवसेना के साथ नहीं जाना चाहिए था. महाराष्ट्र के राजनीति घटनक्रम पर अहमद पटेल ने कहा है कि ज्यादा दिन नहीं चलेगी ऐसी सरकार.

भाजपा के पास 170 विधायकों का समर्थन

भाजपा नेता गिरीश महाजन ने कहा है कि हम अपना बहुमत साबित करेंगे, हमारे पास 170 विधायकों का समर्थन है. अजीत पवार ने राज्यपाल को अपने विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी है. वह एनसीपी विधायक दल के नेता हैं, इसका अर्थ है कि एनसीपी के सभी विधायकों का हमें समर्थन प्राप्त है. इधर, आज दोपहर 12:30 बजे एनसीपी चीफ शरद पवार और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे. इधर, सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाने पर चर्चा का हिस्सा रहे एनसीपी चीफ शरद पवार ने अजीत पवार को अपनी सहमति दी थी. एनसीपी में कोई भी फैसला शरद पवार की सहमति के बिना नहीं लिया जाता. अजीत पवार पार्टी की संसदीय बोर्ड के नेता हैं.

सीएम पद संभालने के बाद देवेंद्र फडणीवस ने कहा

सीएम महाराष्ट्र का सीएम पद संभालने के बाद देवेंद्र फडणीवस ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया था. हमारे साथ लड़ी शिवसेना ने उस जनादेश को नकार कर दूसरी जगह गठबंधन बनाने का प्रयास किया. महाराष्ट्र को स्थिर शासन देने की जरूरत थी. महाराष्ट्र को स्थायी सरकार देने का फैसला करने के लिए अजीत पवार को धन्यवाद….

एक महीने से कांग्रेस और एनसीपी में बातचीत चल रही थी : अजित पवार

उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद अजित पवार ने कहा कि 24 अक्टूबर को नतीजे आने से लेकर अब तक कोई पार्टी सरकार नहीं बना पा रही थी. महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दों समेत कई दिक्कतें थी इसलिए हमने एक स्थायी सरकार बनाने का फैसला किया. सभी को हैरत में डालने वाले इस शपथ ग्रहण को शरद पवार का राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक बताया जा रहा है. शपथ लेने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर डिप्टी सीएम अजीत पवार पहुंचे. अजित पवार ने कहा कि पिछले एक महीने से कांग्रेस और एनसीपी में बातचीत चल रही थी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. उन्होंने साथ ही कहा कि शरद पवार को इस बारे में उन्होंने सब कुछ बता दिया था.

संजय राउत ने कहा था…

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर कोई अंतिम फैसला शनिवार को नहीं होने की खबर आयी थी. हालांकि, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा था कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने को तैयार हैं. इससे पहले तीनों पार्टियों की बैठक से निकलने के बाद शरद पवार ने कहा था कि जहां तक मुख्यमंत्री की बात है, उस पर कोई दोराय नहीं है. उद्धव ठाकरे को ही सरकार को लीड करना चाहिए. यहां चर्चा कर दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को मतदान हुए थे जिसका नतीजा 24 अक्टूबर को घोषित किया गया. सूबे में किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने की वजह से यहां 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था. शिवसेना मुख्यमंत्री पद की मांग पर अड़ गयी जिसके बाद भाजपा से उसका 30 साल पुराना गठबंधन टूट गया.

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