जीवन संघर्ष का दूसरा नाम विपिन त्रिपाठी- पूर्व विधायक डॉ नारायण सिंह जन्तवाल

जीवन संघर्ष का दूसरा नाम विपिन त्रिपाठी- पूर्व विधायक डॉ नारायण सिंह जन्तवाल

जीवन संघर्ष का दूसरा नाम विपिन त्रिपाठी- पूर्व विधायक डॉ नारायण सिंह जन्तवाल

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न्यूज़ डेस्क , नैनीताल ( nainilive.com )- उत्तराखंड क्रान्ति दल के थिंक टैंक शीर्ष नेता रहे एवं द्वाराहाट के पूर्व विधायक स्व. विपिन त्रिपाठी की पुण्य तिथि पर आज उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये गए. जान आंदोलनों एवं जन सरोकारों की बुलंद आवाज़ विपिन त्रिपाठी को आज नैनीताल में भी उत्तराखंड क्रान्ति दल से जुड़े लोगों द्वारा श्रद्धांजलि दी गयी। इस कार्यक्रम में नैनीताल के पूर्व विधायक डॉ नारायण सिंह जंतवाल द्वारा उनको नमन किया गया एवं अपने विचार व्यक्त किये गए , जिन्हे हम शब्दश नीचे प्रस्तुत कर रहे हैं ; –

विपिन त्रिपाठी जी की पुण्यतिथि पर कोटिशः नमन!
बढे गौर से सुन रहा था जमाना,
तुम्ही सो गये दास्ताँ कहते कहते!

विपिन त्रिपाठी जी जीवन संघर्ष का दूसरा नाम रहा! प्रारंभिक दौर से समाजवादी विचारधारा व आंदोलन से जुड.कर सामाजिक राजनीतिक जागृति के अभियान को उत्साह से आगे बढाते रहे! द्वाराहाट व अन्य क्षेत्रों में लोगों को संगठित कर जन अधिकारौ के लिए आवाज बुलंद कर सफलताएँ भी प्राप्त की.


आपातकाल में युवा विपिन त्रिपाठी सबसे अधिक समय तक जेल में रहने वाले लोगों में थे!
अपनी लेखनी वाणी से सरकार के इस कदम की तीव्र मुखालफत की अधिकारी उनकी बेहतर छवि से वाकिफ थे वे चाहते थे कि त्रिपाठी जी कार्य शैली में कुछ परिवर्तन कर लें इस हेतु अनुरोध भी किया गया था परन्तु उन्होंने साफ इन्कार कर दिया! जनभावना के बाद भी उन्हें जनता पार्टी से टिकट नहीं दिया गया परन्तु उन्होंने पार्टी प्रत्याशीयों के लिए पूरी तन्मयता से कार्य किया!
परन्तु दल में होते हुए भी सरकार की जनविरोधी नीतियों विशेष कर जंगलों के सवालों को लेकर तीव्र प्रतिकार किया आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई, इसमें भी उन्हें ब्यक्ति गत नुकसान भी हुआ.


वे जन्म जात विदो्ही रहे सामाजिक विसंगतियों के प्रति अति संवेदनशील थे शायद यही कारण रहा होगा उत्तराखंड क्रांति दल के गठन के बाद डा. डी. डी. पंतजी के आग्रह पर दल में शामिल हुए और राज्य निर्माण के लिए अथक संघर्ष करते रहे दल के अग्रणी नेताओं में रहे दल की रीति नीति में उनकी विचार शैली व कार्य शैली की गहरी छाप हमेशा रही.

उनके साथ आंदोलनों में, अन्य अवसरों पर विधानसभा में साथ कार्य करने का जो अदभुत अनुभव रहा जो अतीत बन इतिहास बन गया ! हम लोगों के लिए भावुक क्षण है, उनके अकस्मात निधन के समाचार ने हम लोगोंको अन्दर तक झकझोर दिया।


राज्य निर्माण में उत्तराखंड क्रान्ति दल उक्रांद की सशक्त भूमिका का निर्वहन कर राज्य निर्माण करवाया हालांकि वह हमारी सोच के अनुसार नहीं बन सका परन्तु जनता के एकजुट लोकतांत्रिक संघर्ष की यह बहुत बड़ी विजय गाथा है हालांकि हमारे दल व एसी सोच रखने वालौं के सम्मुख इसे सामान्य जन के अनुरूप बनाने की चुनौती थी जो आज और भी विकट रूप में साफ़ दिखाई पड़ रही है.


विपिन त्रिपाठी जी के साथ दल इस चुनौती का और बेहतर ढंग से सामना करता जिसकी शुरूआत त्रिपाठी जी के साथ सशक्त रूप से हो चुकी थी. उन्हें जनता के विभिन्न तबकों के बीच प्रबुद्ध व संघर्षशील उत्साहीजनौ विधानसभा से लेकर सभी जगहों पर धैर्य व उत्सुकता के साथ सुना जा रहा था ऐसे समय में उनका चला जांना बेहतर बदलाव की धारा के लिए बहुत बड़ा आघात था.


उत्तराखंड क्रांति दल व जनता जनार्दन ने आमजन के लिए जिस राज्य की कल्पना की, लेकिन लोगों ने जिन्हें इसे आगे बढाने की ताकत दी वही कुठाराघात कर रहे हैं. ऐसे समय में विपिन त्रिपाठी जी के वैचारिक व संघर्ष शैली की प्रासंगिकता बहुत बड़ गयी है. आइये उनकी पुण्यतिथि पर उनके संघर्षों व समर्पण से प्रेरित होकर एकजुट हो आगे बढ़कर चुनौतियों को पारकर शहीदों के सपनों का राज्य निर्मित करैं।

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