आदिपुरुष फिल्म के विवादित डायलॉग्स में होंगे बदलाव, मनोज मुंतशिर ने ट्वीट कर दी जानकारी

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मुंबई (nainilive.com) –  ओम राउत के डायरेक्शन में बनी फिल्म आदिपुरुष फिल्म हाल ही में रिलीज हुई है. रिलीज से पहले ही फिल्म को लेकर कई सवाल उठाए गए थे. वहीं सिनेमाघरों में रिलीज होने के बाद ही आदिपुरुष के डायलॉग को लेकर काफी बवाल मचा हुआ था. फिल्म को अच्छा रिस्पॉन्स मिलने के साथ-साथ इसके डायलॉग्स को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है. लोगों का कहना है कि फिल्म में ये टपोरी डायलॉग देकर रामायण का मजाक उड़ाया जा रहा है. वहीं अब काफी विवादों के बाद फिल्म के डायलॉग बदले जाएंगे. इस बात की जानकारी मनोज मुंतशिर ने एक ट्वीट कर दी है.

बदले जाएंगे फिल्म के डायलॉग

बता दें कि प्रभास और कृति सेनन स्टारर इस फिल्म के डायलॉग मनोज मुंतशिर ने ही लिखे हैं. ग्रैंड बजट की इस फिल्म को लेकर दर्शक काफी एक्साइटडेट थे, लेकिन फिल्म के डायलॉग सुनकर दर्शक काफी निराश हैं. वहीं अब मनोज मुंतशिर ने अपने द्वारा लिखे गए डायलॉग के बचाव में कहा है कि ऐसी भाषा गलती से नहीं लिखी गई है, बल्कि इसका जानबूझकर इस्तेमाल किया गया है. ताकि दर्शक इससे जल्दी रिलेट कर सकें. मनोज का कहना है कि भारत के कई कथावाचक इस तरह की भाषा का उपयोग करते हैं. वहीं अब एक बार फिर मनोज ने लंबा सा ट्वीट कर फिल्म के डायलॉग बदलने की जानकारी दी है.

मनोज मुंतशिर ने किया ट्वीट

मनोज मुंतशिर ने ट्वीट कर लिखा रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना. सही या गलत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है. आदिपुरुष में 4000 से भी ज्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं. उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान किया, माँ सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं. मेरे ही भाइयों ने मेरे लिये सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे. वही मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेकों बार कवितायें पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही माँ को अभद्र शब्दों से संबोधित किया.

उन्होंने कहा, हम एक दूसरे के विरुद्ध खड़े हो गये तो सनातन हार जायेगा. हमने आदिपुरुष सनातन सेवा के लिए बनायी है, जो आप भारी संख्या में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है आगे भी देखेंगे. ये पोस्ट क्यों? क्योंकि मेरे लिये आपकी भावना से बढ़ के और कुछ नहीं है. मैं अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूँ, लेकिन इस से आपकी पीड़ा कम नहीं होगी. मैंने और फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है, कि वो कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं, हम उन्हें संशोधित करेंगे, और इसी सप्ताह वो फिल्म में शामिल किए जाएंगे. श्री राम आप सब पर कृपा करें.’ रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना. सही या गलत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है. आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं. उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान.

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