विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड लोक वाहिनी ने वर्चुअल बैठक में याद किया शमशेर बिष्ट एवं सुन्दर लाल बहुगुणा को

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड लोक वाहिनी ने वर्चुअल बैठक में याद किया शमशेर बिष्ट एवं सुन्दर लाल बहुगुणा को

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड लोक वाहिनी ने वर्चुअल बैठक में याद किया शमशेर बिष्ट एवं सुन्दर लाल बहुगुणा को

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न्यूज़ डेस्क , अल्मोडा ( nainilive.com )- 5जून विश्व पर्यावरण दिवस पर उत्तराखण्ड लोक वाहिनी ने विश्व मे बढ रहे तापमान पर गहरी चिन्ता ब्यक्त की है। वाहनी की वर्चुवल बैठक पूरन चन्द्र तिवारी की अध्यक्षता मे सम्पन्न हुई । बैठक का संचालन करते हुवे दयाकृष्ण काण्डपाल ने डा शमशेर सिह बिष्ट को याद करते हुवे कहा कि उनके नेतृत्व मे वाहनी पर्यावरण के मुद्दो को लेकर हमेशा सजग रही , वाहनी को उत्तराखण्ड मे चिपको आन्दोलन का पर्यायवाची माना जाता है विगत तीस वर्षो के मेरे सामाजिक जीवन मे जल जंगल जमीन से जुडे हुवे सवालो को वाहनी राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय मन्चो पर उठाती रही है । पर संवेदनहीन सरकारो ने इस मुद्दे पर किये गये संघर्ष को कभी गम्भीरता से नही लिया । अपने छात्र जीवन मे पर्यावरण विद सुन्दर लाल बहुगुणा , चण्डी प्रसाद भट्ट व पूर्व वाहनी अध्यक्ष डा शमशेर सिह बिष्ट के करीबी सहयोगी एड जगत रौतेला ने कहा कि उन्होने अल्मोडा छात्र संघ अध्यक्ष रहते हुवे जो वन लगाये वे आज भी अपनी जगहो पर कायम् है ,पर बिगत सालो मे रिकार्ड बृक्षारोपण हुवे सब आगजनी की भेट चढ गये ।

उन्होने कहा कि बन अधिनियम 1980 के प्राविधान जनता को बनो से दूर करते है । इस अधिनियम मे सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी गई| कोर्ट ने जो जनता को राहत दी उसके प्राविधानो को भी अफसरशाही लागू नही करती इसका परिणाम यह हुवा है कि जनता का वनो से मोहभंग हुवा है । अब वनीकरण जिस अनुपात मे हो रहा है । आग उससे ज्यादा लग रही है । वन बिभाग को जनसहभागिता के साथ साथ जैव विविधता पर ध्यान देना चाहिये । ताकि बन्य जीवो को बनो के भीतर ही भोजन मिल सके ।

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अध्यक्षता करते हुवे पूरन चन्द्र तिवारी मे कहा कि वाहनी उत्तराखण्ड मे सरकार द्वारा दोहरी नीति लागू करने के खिलाफ है । एक ओर इको सेन्सटिव जौन बनाकर जनता को बनो से दूर किया जा रहा है तो दूसरी ओर सरकार बडे बडे बाँधो को बनाकर पर्यावरण को हानि पहुचा रही है कोरोना काल मे अब आम लोगो को आक्सीजन की उपयोगिता मालूम हो गई है। लोग आक्सीजन सिलेन्डरो की किल्लत झेल चुके है ।पर यह सच है कि लोग आक्सीजन खरीद कर जीवन नही जी सकते । वन व वक्ष ही आक्सीजन के श्रोत है।

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अजयमित्र सिह बिष्ट ने कहा कि पर्यावरण एक सामाजिक मुद्दा है ।इस पर पहल कर पर्यावरण कार्यकर्ताओ का मनोवल बढाने वाले कार्यक्रम चलाने चाहिये । सभा को दयाकृष्ण काण्डपाल , पूरन चन्द्र तिवारी जगत रोतेल व अजयमित्र सिह बिष्ट के अलावा वाहनी के उपाध्यक्ष जंगबहादुर थापा , अजय मेहता ,हारिस मुहम्मद शमशेर जंग गुरुंग , नवीन पाठक , विशन दत्त जोशी रेवती बिष्ट , सुशीला धपोला , हरीश मेहता कुणाल तिवारी , आदि मे सम्बोधित किया ।

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