पद्मश्री प्रो शेखर पाठक को मिला प्रतिष्ठित कमला देवी चट्टोपाध्याय बुक अवार्ड 2022

फोटो साभार : https://www.newindiafoundation.org/

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न्यूज़ डेस्क , नैनीताल ( nainilive.com )- प्रोफेसर शेखर पाठक को प्रतिष्ठित कमला देवी चट्टोपाध्याय बुक अवार्ड 2022 के लिए सम्मानित किया गया है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उन्हें चिपको आंदोलन पर उनकी लिखित किताब द चिपको मूवमेंट: ए पीपल्स मूवमेंट के लिए प्रदान किया जा रहा है। हिंदी में लिखित इस किताब का अंग्रेजी अनुवाद मनीषा चौधरी ने किया है। कमला देवी चट्टोपाध्याय एनआईएफ बुक अवार्ड किसी भी राष्ट्रीयता के लेखक को समकालीन भारत पर गैर-फिक्शन के लेखन के लिए दिया जाता है। इस पुरूस्कार के रूप में 15 लाख रूपये का नकद पुरस्कार, एक ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।

वर्ष 2018 में दी न्यू इंडिया फाउंडेशन द्वारा वर्ष 2018 से शुरू किये गए वार्षिक कमलादेवी चट्टोपाध्याय एनआईएफ पुस्तक पुरस्कार को आधुनिक / समकालीन भारत पर सर्वश्रेष्ठ गैर-कथा पुस्तक के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार का नाम महान देशभक्त और संस्था-निर्माता कमलादेवी चट्टोपाध्याय की विरासत को सम्मानित करने के लिए रखा गया है जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, महिला आंदोलन, रंगमंच पुनरुत्थान, शरणार्थी पुनर्वास और हस्तशिल्प के नवीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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इस पुरूस्कार के लिए लेखक की राष्ट्रीयता के संबंध में कोई प्रतिबंध लागू नहीं हैं। मूल रूप से अंग्रेजी में लिखे गए या अंग्रेजी में अनुवादित कार्य इस पुरूस्कार के लिए पात्र होते हैं । शैली के संबंध में कोई सीमा लागू नहीं होती हैं। आधुनिक भारत के निर्माण को प्रदर्शित करते इतिहास, जीवनी, राजनीतिक टिप्पणी, यात्रा वृतांत, संस्मरण या किसी अन्य शैली के कार्य इस पुरूस्कार के लिए नामांकित हो सकते हैं जो हैं। अब अपने पांचवें संस्करण में, भारत एवं उत्तराखंड के प्रसिद्ध चिपको आंदोलन पर लिखी पुस्तक के लिए यह प्रतिष्ठित पुरूस्कार प्रो शेखर पाठक को मिला है।

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कुमाऊं विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष रहे पद्मश्री प्रो शेखर पाठक की गिनती देश के जाने माने इतिहासकार के रूप में की जाती है। हिमालयी पहाड़ और प्रो शेखर पाठक एक दुसरे के पूरक के रूप में देखे जाते हैं। वर्ष 1983 में प्रो शेखर पाठक द्वारा स्थापित संस्था पहाड़ ( PAHAR ) के द्वारा हिमालयी क्षेत्रों में किये गए शोध और लेखन कार्य से पहाड़ को नजदीक से जानने और समझने का लाभ तो मिला ही , एक दस्तावेज के रूप में संकलित किये गए कार्य से आने वाली पीढ़ियों को भी मदद मिलती रहेगी। प्रो पाठक को इस पुरूस्कार की घोषणा से शुभचिंतकों , नैनीताल नगर वासियों सहित पुस्तक प्रेमियों ने अपनी शुभकामनाएं दी हैं।

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