उपनल कर्मचारियों ने सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

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न्यूज़ डेस्क , हल्द्वानी ( nainilive.com )- उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ की एक वर्चुअल बैठक हुई, जिसमें उपनल कर्मचारियों की अनदेखी पर संगठन के पदाधिकारियों ने नाराजगी व्यक्त की। कर्मचारियों ने कैबिनेट की अगली बैठक में कर्मचारियों की वेतन की मांग का मद्दा रखे जाने की मांग की।


प्रदेश महामंत्री प्रमोद गुसाई ने कहा कि सरकार उपनल कर्मचारियों के भविष्य के लिए बिल्कुल भी चिंतित नहीं है जबकि कर्मचारी विगत 17 वर्षों से अल्प मानदेय में सेवा दे रहे हैं। कई बार मंत्रियों और मुख्यमंत्री से मिलने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। कोरोना काल में उपनल के कई कर्मचारी काल कल्पित हुए। उन्हें किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता सरकार ने नहीं दी। कहा कि यदि वह नियमित हो गये होते तो उनके आश्रितों को दर-दर भटकना नहीं पड़ता। प्रदेश अध्यक्ष रमेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अवगत कराया है कि उपनल कर्मचारियों के लिए कमेटी गठित की गई है लेकिन कैबिनेट की दो बैठक होने के बाद भी उपनल कर्मचारियों के वेतन नियमितीकरण के मुद्दे को कैबिनेट में नहीं लाया गया है। यदि कैबिनेट में उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण व समान कार्य समान वेतन का मुद्दा नहीं आएगा तो कर्मचारी आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन भट्ट ने बताया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में उनके खिलाफ पैरवी कर रही है। बैठक में प्रदेश सलाहकार, मनोज जोशी, प्रदेश संरक्षक गणेश गोस्वामी, कोषाध्यक्ष तेजा बिष्ट, विनोद बिष्ट, उपाध्यक्ष पूरन भट्ट, मनोज गड़कोटी, ललित उपाध्याय, योगेश भाटिया, अनिल कोठियाल, पीएस धामी, त्रिभुवन बसेड़ा, कमल गड़िया, अचल वर्मा, मनीष वर्मा, प्रकाश उपाध्याय, सुनील असवाल, मनोज कुमार, प्रदीप डोभाल आदि उपस्थित रहे।

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