हमारी आजादी का मुद्दा भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर उठेगा,चीन दोस्ती के नाम पर पीठ पर भोंखता है छुरा

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दीपक कुमार, नैनीताल ( nainilive.com ) – लद्दाख के गलवां घाटी में भारत चीन की सेनाओं में हिंसक झड़प के दौरान शहीद सैनिकों के बाद देश में उबाल है। चीन की इस हरकत के बाद चीन से आजादी की जंग लड़ रहे तिब्बतियों ने भी चीन के खिलाफ आवाज को बुलंद किया है। नैनीताल में तिब्बति दुकानदारों ने ऐलान किया है कि वो आगे चीन का सामना नहीं बेचेंगे और जो सामान है भी दुकान में उसको औने पौने दाम में निकालकर चीन को आर्थिक तौर पर जख्म देंगे। व्यापारी तेनजिंग सालड़ेन कहा कि चीन ने सभी पड़ोसी को परेशान किया है लड़ने से समाधान नहीं निकलेगा लिहाजा उनके सामान का बहिष्कार करना होगा और लोगों को ये बात जल्द समझनी होगी। तिब्बति दुकानदारों ने कहा कि सरकार को भी इस और कदम उठाने होंगे इन दुकानदारों ने कहा है कि पूरे देश में 78 जगहों पर लगने वाली जाड़ों के दौरान दुकानों में चीन का सामान तीन साल पहले ही बैन कर दिया गया है और अब इस बाजार में भी इसका बहिष्कार कर रहे हैं।

हिंदी चीनी भाई नहीं चायना तो दोस्ती के बहाने कब्जा करेगा…

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दरअसल तिब्बत भी चीन से अपनी जमीन वापस लेने की जंग लड़ रहा है। साल 1949 में चीन मित्र के रूप में तिब्बत में घुसा और 10 मार्च 1959 को तिब्बत पर कब्जा कर लिया, तिब्बत आजादी संघर्ष समिति के सचिव सेयरिंग तोपगिल कहते हैं कि 60 सालों से वी अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं चीन दोस्ती के बहाने पीठ में छुरा भोकने का काम करता है उसने हमारे धर्मगुरु पंचेंलमा को भी 1995 में लापता कर दिया और 31 सालों बाद भी उनका कोई पता नहीं है।

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चायना सीमा नहीं बल्कि तिब्बत बार्डर है ये……

तिब्बत फ्रीडम समिति कोषाध्यक्ष येशी थुप्तेन कहते हैं कि लड़ाई से समाधान नहीं निकलेगा लेकिन या तय है कि इस प्रकरण से तिब्बत की आजादी का मुद्दा विश्व स्तर पर उठ जाएगा, 60 सालों से दुनिया में हम लोग अपनी आजादी की लड़ाई में साथ मांग रहे हैं ताकि 1949 से पहले जैसे तिब्बत रहे।येशी थुप्तेन कहते हैं कि भारतीय सीमा पर भारत तिब्बत बॉडर पुलिस रहती है क्योंकि वो हमारे देश था जिस पर चीन ने कब्जा किया है अगर पंचशील योजना के दौरान भारत ने तिब्बत के लिए नही चायना को नहीं कहा होता आपका अंदुरुनी मामला है तो आज ऐसी स्थिति नहीं होई ना ही भारत को इस बॉडर पर इतना पैंसा सुरक्षा में खर्च करना पड़ता।

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