फिर एक महिला हुई बाघ के आतंक का शिकार

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उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ के भड़कोट गांव में फिर से एक महिला बाघ का शिकार होना पड़ा

झपट्टा मार गुलदार महिला को दूर खाई तकन्घसीता ले गया,मौत

भड़कोट गांव में घास लेने जंगल गई थी 40 वर्षीय भागीरथी देवी

ग्रामीणों ने की आदमखोर गुलदार को शीघ्र पकड़ने की मांग

उत्तरकाशी ( nainilive.com )- चिन्यालीसौड़ विकासखंड के कोटीसौड़ भड़कोट में शुक्रवार सुबह गुलदार ने एक महिला पर हमला कर उसे दूर तक घसीट ले गया। हमले में बुरी तरह घायल महिला ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। घटना की सूचना मिलने पर डीएफओ समेत वन विभाग और पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंचे। इस दौरान विभागीय अधिकारियों को ग्रामीणों के आक्रोश का खासा सामना करना पड़ा। लोगों ने विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया और शीघ्र ही गुलदार को पकड़ने की मांग की। वहीं, विभागीय अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को हर संभव आर्थिक मदद का भरोसा दिलाया।

ग्राम प्रधान शिवराज बिष्ट और जीत सिंह राणा ने बताया कि ग्राम भड़कोट कोटीसौड़ में शुक्रवार सुबह 9 बजे घर के नजदीक ही जंगल में घास लेने गई 42 वर्षीय भागीरथी देवी पत्नी स्व. भूपति प्रसाद नौटियाल पर आदमखोर गुलदार ने मार डाला। पता चलने पर गांव वाले घटनास्थल की तरफ दौड़े, लेकिन तब तक महिला दम तोड़ चुकी थी। वहीं, आदमखोर गुलदार ग्रामीणों के शोर मचाने पर वहां से भाग निकला। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में अब तक दर्जनभर लोगों पर हमला कर चुका है। गुलदार के हमले से इलाके में दहशत का माहौल है। गुलदार के लगातार हो रहे हमलों के बाद भी वन विभाग और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए जाने पर स्थानीय लोगों में आक्रोश है। इस दौरान ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों को घेरकर खूब हंगामा भी किया।

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ग्राम प्रधान शिवराज ने कहा कि यदि शीघ्र गुलदार को नहीं पकड़ा जाता है तो विभाग के खिलाफ आन्दोलन करेंगे। डी एफ ओ डीपी बलूनी सूचना मिलने पर विभागीय टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि पीड़िता के परिजनों को मुआवजा राशि देने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही गांव में गुलदार को पकड़ने के लिए गांव में वन विभाग की टीमें तैनात कर दी गई हैं।। इधर क्षेत्र में लगातार बाघ के हमले से ग्रामीणों का गुस्सा वा पीड़ा दोनो चरम पर है। दरअसल पिछले एक महीने में 5 किलोमीटर के दायरे में बाघ ने दो महिलाओं को अपना शिकार बनाया वा 5 लोगों को बुरी तरह घायल कर दिया। वन विभाग अब तक दो बाघों को यानी तेंदुओं को पिंजरे में कैद कर कहीं दूसरी जगह छोड़ आया है। लेकिन वन विभाग ने अभी तक ये जहमत नहीं उठाई कि आखिर आदमखोर बाघ की पहचान कर ली जाय। दरअसल इतने हमलों के बाद वनविभाग के विशेषज्ञों द्वारा सबसे पहले आदमखोर की पहचान की जाती है उसके बाद उसे शूट एट साइट करने का आदेश जारी होता है। क्षेत्र में एक नहीं दर्जनों तेंदुआ घूम रहे हैं। कौन आदमखोर है कौन नहीं अभी तक इसकी पहचान भी नही की गई। वन विभाग ने पिंजरे लगाकर दो तेंदुओं को कैद कर दूसरी जगह छोड़ दिया। इतनी भी जहमत नहीं उठाई कि आदमखोर हैं तो दूसरी जगह भी इंसान को ही शिकार बनाएगा।

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लेकिन उत्तरकाशी में तेंदूओं के हमलों के बाद उपरोक्त पर कार्यवाही के बजाय पिजरे लगाकर वन विभाग ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। आज पुनः एक मासूम के तेंदुए के शिकार होने के बाद ग्रामीणों में दहशत है और खासा रोष भी। इसीलिए ग्रामीणों ने शव के साथ प्रदर्शन किया कि जब तक बाघ को आदमखोर घोषित नहीं किया जाता है और उसे गोली मरने के आदेश पारित नहीं होते तब तक उनका धरना जारी रहेगा ताकि अन्य मासूम जिंदगियों को बचाया जा सके।। इधर मौके पर पहुंचे डीएम अभिषेक रुहेला ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि शीघ्र ही आदमखोर तेंदुए की पहचान कर उसे आदमखोर घोषित किया जाएगा और गोली मरने के आदेश दिए जायेंगे।

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